फर्रुखाबाद: आषाढ़ पूर्णिमा 24 जुलाई से भिक्षुओं का वर्षावास कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। वर्षावास कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कर्मवीर शाक्य की अध्यक्षता में कायमगंज स्थित आदर्श प्रिंटिंग प्रेस पर बौद्ध समर्थकों की बैठक हुई। बैठक में आषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होने वाले भिक्षुओं के वर्षावास कार्यक्रम को सफल बनाने पर विचार विमर्श किया गया।
कर्मवीर शाक्य एवं डॉ धम्मपाल थैरो 24 जुलाई को प्रातः 10 संकिसा के धम्मालोको बुद्ध विहार में बुद्ध की मूर्ति पर मोमबत्ती जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। धम्मालोको बुद्ध विहार प्रबंध समिति के अध्यक्ष कर्मवीर शाक्य ने बताया कि वर्षावास का कार्यक्रम तीन माह अश्वन पूर्णिमा तक चलेगा।
इस दौरान सभी भिक्षुओं बुद्ध विहारों में ही रहेंगे सुबह शाम बुद्ध की पूजा अर्चना करके भगवान बुद्ध के ज्ञान को अर्जित कर उनके बताए मार्ग पर ही चलने का संकल्प लेंगे। बरसात का मौसम होने के कारण भिक्षु 3 माह तक बुद्ध बिहारों के आस पास की बस्तियों में ही भिक्षाटन करेगे। इस दौरान उपासक बिहारों में भिक्षुओं को भोजन दान करा कर उनकी जरूरत की वस्तुओं को भी भेंट करेंगे।
श्री कर्मवीर शाक्य ने बताया कि आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही सिद्धार्थ गौतम का माता महामाया की कोख में प्रवेश हुआ था। महामाया को सपने में दिखा था कि सफेद कबूतर उनकी गोद में आकर बैठ गया है तभी से महामाया का गर्भावास शुरू हुआ। सिद्धार्थ गौतम ने 29 वर्ष की अवस्था में ही गृह त्याग दिया था उन्होंने 6 वर्षों तक बोध गया मे पीपल वृक्ष (बोधि वृक्ष) के नीचे कठिन तपस्या कर ज्ञान प्राप्त किया था।
अपार ज्ञान प्राप्त करने के बाद सिद्धार्थ गौतम को बुद्ध के नाम से जाना गया। बुद्ध ने अपने पांच सन्यासी साथियों को सारनाथ में पहला उपदेश दिया है बौद्ध कथाओं में इस दिन को धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस के नाम से जाना जाता है। वयोवृद्ध प्रमुख उपासक कर्मवीर शाक्य ने बताया की बुद्ध की 500 अरहतों की पहली धर्म सभा हुई थी तभी से बौद्ध धर्म का प्रचार व प्रसार शुरू हुआ।
उन्होंने बताया कि मैनपुरी वाले भिक्षु धम्म रत्न की देखरेख में वर्षावास का कार्यक्रम होगा। श्री शाक्य ने सभी उपासको से 24 जुलाई को वर्षावास कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है। कार्यक्रम में कोविड 19 नियमों का पालन कराया जाएगा। बैठक में लडैते लाल उत्तम, राहुल शाक्य एडवोकेट, बालकिशन शाक्य एडवोकेट, आर एस माथुर, गिरीश बाबू, संतोष कुमार बौद्ध, बाबूराम बौद्ध, सम्राट सिंह उज्जवल शाक्य आदि समर्थक मौजूद रहे। फर्रुखाबाद संवाददाता धर्मवीर सिंह