बरेली-नबावगंज में पुलिस की कार्यशैली पर पैनी नजर संस्था ने उठाए सवाल

थाना नवाबगंज ग्राम रिछौला चौधरी की एक नाबालिग लडकी को घर से दबंग उठाकर ले गए । नाबालिग लड़की के पिता ने किसी रिश्तेदारों की मदत से लड़की को खोजकर घर लाए । उसके पश्चात दबंगों ने 112 नंबर पर पुलिस बुलाकर उस लड़की को थाने पहुंचा दिया । नाबालिग के माता पिता थाने अपनी बेटी को लेने थाने पहुंचे तो लड़की ने माता पिता के साथ जाने से इंकार कर दिया इस पर पुलिस ने पीड़ित माता पिता को धमकाकर भागा दिया और पुलिस ने नाबालिग लड़की को उन्ही दबंगों के साथ भेज दिया । पीड़ित माता पिता ने पुलिस प्रशासन से निराश होकर पैनी नजर सामाजिक संस्था की अध्यक्ष एड सुनीता गंगवार से संपर्क किया और मदत की गुहार लगाई । संस्था अध्यक्ष ने तुरंत मामले का संज्ञान लिया और संबंधित दरोगा से बातचीत कर एक बार लड़की और उन दबंग लड़को से बैठकर बातचीत करने की मांग की इस पर दरोगा नितिन शर्मा ने संस्था अध्यक्ष को सहयोग करते हुए उन लोगो को दो तीन दिन बाद थाने में बुला लिया संस्था अध्यक्ष से मिलवा दिया । संस्था अध्यक्ष ने नाबालिग को समझाने का प्रयास किया की किसी तरह बात चीत से मामला सुलझ जाए लेकिन लडकी को ले जाने वाले लड़को की भाषा बोल रही थी उन लड़कों ने नाबालिग के मन में ये डर बैठा दिया था की तेरे माता पिता तुझे जन से मार देंगे । इस डर से लड़की ने माता पिता के घर जाने से इंकार कर दिया । पुलिस ने वापस नाबालिग को आरोपियों के साथ भेज दिया । संस्था अध्यक्ष एड सुनीता गंगवार के समझाने से मामला नही सुलझा । अंत में पीड़ित पिता ने पुलिस में लड़की को ले जाने वालो के खिलाफ एफ आई आर आइपीसी की धारा 363,366,504,506 के तहत चार लोगो पर 9/o5/2021 को मुकदमा दर्ज कराया । मुकदमा दर्ज कराने के पश्चात पीड़ित माता पिता अभी तक भटक रहे है जबकि लड़की उन्ही लड़को के कब्जे दामी खेड़ा में है ।पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के 10 दिन बाद भी कोई कार्यवाही नही को । पीड़ित पिता ने पुनः संस्था अध्यक्ष एड सुनीता गंगवार को उसके पश्चात की सारी व्यथा बताई । संस्था अध्यक्ष ने संबंधित दरोगा से मामले की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने बताया की उन्हें10 /5/2021तारीख से कोरोना में कोरांटीन है । तब से कार्यवाही लंबित है । संस्था अध्यक्ष ने आला अधिकारियों से मिलने की कोशिश की तो कोई मिलने को तैयार नहीं हो रहे थे । आज भी संस्था अध्यक्ष नवाबगंज क्षेत्राधिकारी से मिलने की दो दिन से कोशिश कर रही थी । आज क्षेत्राधिकारी अपने आवास पर थे घंटो खड़ा रखने के बाद निकल कर आए और कहा की लड़की अपनी मर्जी से गई है क्यों उसके पीछे पड़े हो संस्था अध्यक्ष ने कहा की नाबालिग की भी अपनी मर्जी मानी जाती है क्या ऐसा कानून कहता है इस पर क्षेत्राधिकारी ने कहा I अच्छा थाने जाओ । थाने में कोतवाल साहब भी वही भाषा बोल रहे थे की वो पिता के घर नहीं जाना चाहती है क्यों पीछे पड़े हो तो संस्था अध्यक्ष ने कहा की कोई भी नाबालिग को माता पिता के खिलाफ भड़काकर ले जाए तो पुलिस प्रशासन उसको सही ठहराने का प्रयास क्यों कर रहा है । लड़की के हाई स्कूल के सर्टिफिकेट के हिसाब से घटना होने पर बालिग होने में 2 महीने शेष थे जिसमे पुलिस ने अपनी दूषित कार्यप्रणाली के चलते 15 दिन पर कर दिए अब डेढ़ महीना बचा है । पुलिस की कार्यप्रणाली को देखकर ऐसा लगता है वो लड़की के बालिग होने का इंतजार कर रही है । क्योंकि कोतवाल थाना नवाबगंज का कहना है की जिस दरोगा के अंडर में ये मामला है वो ही विवेचना करेंगे जबकि किसी अधिकारी के न होने पर सिस्टम काम करना बंद नही करता है । आम आदमी को पुलिस इस तरह दबंगई के आधार पर गुमराह करती है । ताज्जुब है 9 /5/2021 तारीख को ये मुकदमा लिखा गया 10 तारीख को संबंधित दरोगा को कोराेना हो गया । लगता है पुलिस उसके बालिग होने इंतजार में रुकी हुई है । संस्था अध्यक्ष ने कहा अगर ऐसे लोग जेल नही जायेंगे तो समाज में नाबालिग लड़कियों को भागा ले जाने की प्रथा कायम हो जायेगी उनकी आंखों में कानून का कोई डर नही रहेगा जो समाज के लिए घातक होगा ।संस्था अध्यक्ष एड सुनीता गंगवार ने कहा की पुलिस कार्यप्रणाली पर कई बड़े सवाल खड़े होते है ।