यूपी पंचायत चुनाव में बीजेपी को सियासी तौर पर बड़ा झटका लगा है. अयोध्या से लेकर मथुरा और काशी सहित प्रदेश भर में सपा ने बीजेपी को करारी मात दी है. यूपी के ये तीनों जिल योगी आदित्यनाथ सरकार के एजेंडे में शामिल रहे हैं और पिछले चार सालों में इन जिलों पर सरकार काफी मेहरबान रही है. इसके बावजूद अयोध्या-मथुरा-काशी में मिली करारी मात एक बड़ा सियासी संदेश दे रही है. आगामी विधानसभा के लिए यूपी की जनता बता रही है की अब वे समाजवादी पार्टी को लाना चाहते है. उक्त विचार कल शाम समाजवादी नेता और लक्ष्य कैंसर हॉस्पिटल लखनऊ के प्रमुख डॉ नवल किशोर शाक्य ने रखे.
डॉ नवल किशोर शाक्य ने आगे कहा की गांवों की सरकार के लिए हो रहे इस चुनाव में पार्टियों की असली ताकत जिला पंचायत से तय होती है. जिला पंचायत चुनाव के अब तक के नतीजों में सपा एक बड़ी ताकत बनकर उभरी है और अयोध्या-मथुरा-काशी में बीजेपी की करारी हार योगी सरकार की नींद उड़ा दी है.
यह चुनाव सत्ताधारी बीजेपी के साथ-साथ विपक्षी समाजवादी पार्टी, बीएसपी और कांग्रेस के लिए भी अहम था। बीजेपी को समाजवादी पार्टी से कड़ी टक्कर मिली हैं। बीजेपी अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में हार गई है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में नतीजों के मायने निकाले जा रहे हैं।
पीएम के गढ़ में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। जिला पंचायत के 40 सीटों में से बीजेपी के खाते में आए महज 8 सीटें आईं हैं। वहीं 14 सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी जीते हैं।
बता दें की कासगंज में भी वार्ड नंबर आठ से डॉ नवल के भाई हिमांशु शाक्य की पत्नी श्रीमती पूनम शाक्य जिला पंचायत सदस्य के पद पर जीत चुकी हैं.