पटना: पश्चिम बंगाल से सटे इलाकों में छापेमारी करने गए किशनगंज पुलिस स्टेशन के एक थाना प्रभारी की शनिवार सुबह भीड़ द्वारा कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई|
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि यह घटना सुबह करीब 3.30 बजे हुई जब किशनगंज थाना प्रभारी अश्विनी कुमार पश्चिम बंगाल के पांजीपाडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक बाइक चोरी मामले के सिलसिले में छापेमारी कर रहे थे|
पुलिस अधिकारी को, जिन्होंने पश्चिम बंगाल पुलिस से भी सहायता मांगी थी, अन्य पुलिसकर्मियों के बचाव में आने से पहले उन पर हमला किया गया था|
पूर्णिया रेंज के पुलिस महानिरीक्षक एसपी चौधरी ने घटना की पुष्टि की. उन्होंने कहा, ‘हम पहले ही पश्चिम बंगाल पुलिस को सतर्क कर चुके हैं और हमारे अधिकारी की हत्या करने वालों को पकड़ने में उनकी सहायता कर रहे हैं. मामले को आगे बढ़ाया जाएगा और दोषियों को पकड़ने के लिए संयुक्त अभियान चलाया जाएगा.’किशनगंज पुलिस पांजीपाड़ा के पंतापाड़ा गांव में बाइक चोरी गिरोहों के ठिकानों पर छापेमारी के लिए पहुंची थी. इसी बीच अपराधियों के साथ पुलिस की झड़प हो गई|
पुलिस और अपराधियों की झड़प के बीच थाना प्रभारी को भीड़ ने घेर लिया. छापामारी में साथ गए किशनगंज सर्किल इंस्पेक्टर व अन्य पुलिस जवान थाना प्रभारी को घटनास्थल पर छोड़कर फरार हो गए, जिसके बाद अपराधियों की भीड़ ने अश्विनी कुमार को अपना शिकार बना लिया|
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक किशनगंज एसपी कुमार आशीष ने कहा कि एसएचओ एक तेजस्वी अधिकारी थे. ऐसा कहा जाता है कि वह एक गुप्त सूचना के बाद वाहन चोरों के ठिकाने पर गए थे|
बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय के सिंह के अनुसार, एसएचओ को बेरहमी से पीटा गया और उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई|
ऐसा कहा जा रहा है कि पीटने के बाद एसएचओ को घटनास्थल पर छोड़ दिया गया था. बाद में पास के अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया| थानेदार के शव को पोस्टमाॅर्टम के लिए पश्चिम बंगाल के ही इस्लामपुर ले जाया गया है|
आरोप है कि पश्चिम बंगाल की पुलिस ने सूचना के बावजूद बिहार पुलिस की टीम को कोई सहयोग नहीं किया. जब रात को अश्विनी कुमार की टीम बंगाल के स्थानीय थाने में पंहुची, वहां के थाना प्रभारी ने कह दिया कि ओडीओ उनके साथ जाएंगे. ओडीओ के बाद में आने की बात कहने के बाद अश्विनी अकेले ही चले गए|