मैनपुरी : जिले में 15 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के तहत वर्ष 2016 में नौकरी हासिल करने वाली शिक्षिका को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। शिक्षिका बीए का अंकपत्र और प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है। जिला चयन समिति की संस्तुति के बाद बीएसए ने शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया है।
सुधा राठौर निवासी मोहल्ला अग्रवाल मैनपुरी ने वर्ष 2016 में सहायक अध्यापक पद पर जिले में नौकरी पाई थी। वह चयन के बाद प्राथमिक विद्यालय ककरारा पर कार्यरत थी। सुधा राठौर के स्नातक अभिलेखों की ऑफलाइन जांच जब डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से कराई गई तो सुधा का बीए अंकपत्र फर्जी पाया गया।
सुधा राठौर को इस संबंध में नोटिस जारी किया गया। इस पर शिक्षिका ने अपने अभिलेख सही बताए। बीएसए ने मामले की जांच के लिए खंड शिक्षाधिकारी कुरावली सुमित कुमार को जिम्मेदारी सौंपी। खंड शिक्षाधिकारी कुरावली ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा और जनपद कासगंज के गंजडुण्डवारा कॉलेज में जाकर जांच की तो उनकी बीए का अंकपत्र और प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया।
शुक्रवार को जांच समिति के सामने पूरा मामला रखा गया। जांच समिति ने शिक्षिका के बीए का अंकपत्र और प्रमाणपत्र फर्जी मानते हुए शिक्षिका की सेवा समाप्ति की संस्तुति की। शुक्रवार की देर शाम बीएसए ने शिक्षिका की सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया।
इस प्रकार मामला हुआ उजागर समझे: बीएसए कार्यालय से वर्ष 2020 में शिक्षिका के बीए के अभिलेखों की जांच के लिए ऑफलाइन पत्र डॉ.भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा को भेजा गया। 30 जून 2020 को बीएसए कार्यालय में सुधा राठौर के बीए के अंकपत्र और प्रमाणपत्र सत्यापन के संबंध में पंजीकृत डाक द्वारा एक लिफाफा प्राप्त हुआ। बीएसए को लिखित में बताया गया कि सुधा राठौर की जांच से संबंधित जो लिफाफा प्राप्त हुआ है वह खुला हुआ है। बीएसए ने संदिग्ध लिफाफा प्राप्त होने के बाद खंड शिक्षाधिकारी कुरावली को डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय भेजा।
जब वहां जाकर खंड शिक्षाधिकारी ने पता किया तो बताया गया कि जो लिफाफा बीएसए मैनपुरी को प्राप्त हुआ है वह 22 जून 2020 को उनके कार्यालय से जारी ही नहीं किया गया है। इसके बाद सुधा राठौर के बीए के अंकपत्र को संदिग्ध मानते हुए जांच शुरू कराई गई।
बीएसए विजय प्रताप सिंह ने बताया कि शिक्षिका को बर्खास्त किया गया है। उसके खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश खंड शिक्षाधिकारी मैनपुरी को दिए गए हैं। शिक्षिका से वेतन के रूप में दी गई धनराशि की वसूली भी की जाएगी।
रिपोर्ट: अर्पित शर्मा