पीलीभीत: शिक्षकों का सेवा सम्मान और सुरक्षा लंबे संघर्ष के बाद हुआ प्राप्त

पीलीभीत: वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों के लिए संगठन का प्रयास निरंतर जारी है। उनकी सेवा शर्तें, नियमावली व पूर्णकालिक शिक्षा का दर्जा मिलने के बाद समान कार्य के लिए समान वेतन का रास्ता साफ होगा।उपरोक्त विचार विधान परिषद में शिक्षक दल के बरेली मुरादाबाद खंड के प्रत्याशी व 2002 से 2014 तक शिक्षक विधायक रहे सुभाष शर्मा ने प्रेस वार्ता में व्यक्त किए। वर्तमान सरकार शिक्षकों की अर्जित उपलब्धियों को एक-एक करके समाप्त करने पर व उनके सम्मान से खिलवाड़ करने पर आमादा है यह उचित नहीं। पुरानी पेंशन प्रणाली, नई पेंशन प्रणाली से अधिक सुरक्षात्मक व लाभदायक है। पुरानी पेंशन बहाली लागू कराने के लिए सरकार के ऊपर निरंतर दबाव बनाया जा रहा है तथा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ नेतृत्व ओम प्रकाश शर्मा गुट के मांग पत्र में समान कार्य के लिए समान वेतन तथा पुरानी पेंशन प्रणाली लागू कराना शीर्ष पर हैं। यह विडंबना है जो अपने संस्थानों में समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं दे रहे हैं तथा सेवा सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं वे आज चुनाव में समान कार्य के लिए समान वेतन व व सेवा सुरक्षा की बात कर रहे हैं। सरकार कुछ भी देने के मूड में नहीं। शिक्षा मंत्री कई बार कह चुके हैं कि पुरानी पेंशन व वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों के लिए मानदेय हमारे एजेंडे में नहीं। उन्होंने शिक्षक समुदाय का आह्वान किया कि शिक्षक हित में मतदान करें तथा अपनी अंतरात्मा की आवाज सुने कि वे शिक्षक के हित में ही मतदान करें। सरकार की हठधर्मिता के चलते संघर्ष करना होगा। इस अवसर पर बरेली के मंडल की मंत्री रणविजय सिंह तथा पीलीभीत के सहायता प्राप्त राजकीय विभिन्न विद्यालयों के संस्कृत विद्यालय के तमाम शिक्षक मौजूद रहे।