जौनपुर:सरदार सेना के जिलाध्यक्ष ने पराली जलाने वाले किसानों को जेल में बंद करने को लेकर सरकार के खिलाफ दिया महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन

जौनपुर-जिला मुख्यालय पर सरदार सेना सामाजिक संगठन के जिलाध्यक्ष अरविन्द कुमार पटेल के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल महोदया उत्तर प्रदेश शासन को नामित चार सूत्रीय ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा गया इस दौरान जिलाध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश पारली जलाने के मामले में किसानों पर एफ आई आर दर्ज करने एवं किसानों को जेल में डालने के वर्तमान सरकार के फैसले से आक्रोशित सरदार सेना सामाजिक संगठन के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति एवं राज्य पाल महोदय को नामित ज्ञापन सौंपा गया जिलाध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान सरकार के द्वारा किसानों की पारली जलाने पर प्रदूषण का हवाला देकर उन पर एफआईआर कर जुर्माना सहित जेल में डालने का कार्य किया जा रहा है जिसका हम सभी लोग घोर विरोध करते हैं कि सरकार के द्वारा किया जा रहा है यह कार्य किसानों के हित में ठीक नहीं है एक तरफ केंद्र सरकार ने किसान विरोधी बिल 2020 लाकर देश भर के किसानों को सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया वहीं वर्तमान उत्तर प्रदेश की सरकार किसान विरोधी किसानों के खेतों में पराली जलाने को लेकर किसानों पर एफआईआर कर उन्हें जेल में डालने का कार्य किया जा रहा है जो कि देश के किसानों पर अत्याचार एवं अन्याय हो रहा है देश के तमाम कल कारखानों एवं फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं क्या प्रदूषण नहीं फैलाता परंतु यह सरकार पूंजीपतियों की सरकार है तो किसानों की हित में कैसे सोचेगी इस सभी बातों को लेकर सरदार सेना ने किसानों को न्याय हेतु चार सूत्री ज्ञापन सौंपा 1-सरकार द्वारा पराली को लेकर पांच से ज्यादा किसानों पर एफआईआर कर उन्हें जेल भेज दिया गया,केस वापस लेते हुए उन्हें तत्काल रिहा किया जाय 2-सरकार द्वारा किसानों के पराली समस्या का निराकरण की समुचित व्यवस्था किया जाय 3-सरकार द्वारा किसानों का समुचित धान क्रय किया जाय एवं एमएसपी कानून लाया जाय ताकि किसानों के साथ न्याय हो सके 4-सरकार द्वारा क्रय किये गये किसानों का गन्ना का बकाया राशि तत्काल अदा की जाय| उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी तरफ वर्तमान सरकार के द्वारा सरदार पटेल के विचारों पर कार्य करने की बात करती है उनके सपनों का भारत बनाने की बात करती है परंतु किसानों के हित में कोई कार्य नहीं बल्कि इसके विपरीत किसान विरोधी बिल 2020 लाकर किसानों को गर्त में डालने का कार्य किया जा रहा है भारत में किसानों की ऐसी दुर्दशा आजादी के 73 साल बाद भी दिख रही है हर तरफ पुलिस की लाठियां तथा सरकारों की साजिश का शिकार होना पड़ रहा है सरकार को किसानों पर इस प्रकार से अत्याचार नहीं करना चाहिए बल्कि प्रदूषण से बचने का कोई उपाय निकालना चाहिए तथा आपको बता दें कि वहीं दूसरी तरफ महापुरुषों के प्रतिमा को लेकर लगातार तोड़े जाने पर भी आक्रोश व्यक्त किया और कहा कि उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में अमिला दरगाह मोड़ पर आरक्षण के जनक छत्रपति शाहू जी महाराज का प्रतिमा फोरलेन के कर्मचारियों द्वारा उखाड़ते क्षतिग्रस्त कर फेंक दिया गया महोदय प्रतिमा को स्थानांतरण भी किया जा सकता था परंतु महापुरुषों का इस तरीके से अनादर देश के लिए खतरा है इस पर सरदार सेना ने राज्य पाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा जिसमें निम्नवत मांग है 1-आरक्षण के जनक छत्रपति शाहूजी महाराज के प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने पर आरोप में दण्डनीय कार्य वाही किया जाय 2-प्रशासन द्वारा छत्रपती शाहू जी महाराज का आदम कद प्रतिमा तत्काल लगाया जाय ज्ञापन के माध्यम से मांग किया गया कि तत्काल इस सभी कार्यों पर न्याय किया जाय नहीं तो हम सभी लोग उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे अगर किसी प्रकार की क्षति होगी तो उसका पूरा जिम्मेदार वर्तमान सरकार होगी इस अवसर पर धीरज यादव,रोहित विश्वकर्मा, विपिन पटेल,अमर बहादुर चौहान,अमित पटेल,शाहआलम अंसारी,अवधेश मौर्य एडवोकेट सहित तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे|