पीलीभीत :गौ-आश्रय स्थलों से सम्बद्व स्वयं सहायतों समूहों का प्रदान किया गया प्रशिक्षण-जिलाधिकारी।

पीलीभीत जिलाधिकारी पुलकित खरे की अध्यक्षता में गौ-आश्रय स्थलों से सम्बद्ध स्वयं सहायता समूहों को गौशालाओं में गोबर से निर्मित उत्पाद सम्बन्धी प्रशिक्षण/कार्याशाला का आयोजन गांधी प्रेक्षागृह में किया गया। आयोजित प्रशिक्षण में जिलाधिकारी द्वारा स्वयं सहायता समूहों को अपने सम्बोधन में सम्बोधित करते हुये कहा कि सभी गौशालाओं को स्वालम्बी बनाना है इसके लिए स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गौमूत्र व गोबर से खाद, धूपबत्ती, अगरबत्ती, जीवा अमृत, गमले व उपले सहित अन्य सामग्री बनाने का कार्य किया जायेगा। प्रशासन द्वारा सम्बन्धित गौशालाओं के समूहों को उपरोक्त सामग्री निर्माण हेतु आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जायेगी और साथ ही साथ तैयार सामग्री को स्थानीय बाजार से लेकर बाहर बाजार में बेचने की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने कहा कि आज प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनपद हरदोई से आये प्रशिक्षको द्वारा जो जानकारी प्रदान की गई वह समस्त कार्य हरदोई की गौशालाओं में स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित की जा रही हैं और अच्छी आमदनी प्राप्त की जा रही है, जिससे वहां की गौशालाऐं और सम्बन्धित स्वयं सहायता समूहों दोनों आत्मनिर्भर है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक एवं जैविक सामग्री की मांग बाजार में बढ़ गई है। जिससे समूहों के आय में बढ़ोत्तरी हो सकेगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के अन्तर्गत वर्मी कम्पोस्ट पिट बनाकर जैविक खाद बनाई जाये, और तैयार जैविक खाद को कृषि विभाग, वन विभाग, उद्यान विभाग द्वारा स्वयं उपयोग किया जायेगा और साथ ही साथ जैविक खेती करने वाले किसानों को भी खाद उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के उपरान्त सम्बन्धित गौशालाओं में सम्बन्धित स्वयं सहायता समूहों को प्रयोगात्मक प्रशिक्षण का आयोजन किया जायेगा और उनको उपरोक्त सामग्री बनाने का कार्य मौके पर सिखाया जायेगा।
आयोजित प्रशिक्षण में मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जनपद के 11 स्वयं सहायता समूह राशन की दुकान चला रहे इसके साथ ही साथ कुपोषित, अतिकुपोषित व गर्भवती महिलाओं का चिन्हित कर पोषाहार उपलब्ध कराया जाये, अपने अपने क्षेत्र के कोटे की दुकान से समूह की महिलाऐं राशन लेकर स्वयं डोर टू डोर राशन वितरित करायेगीं।
प्रशिक्षण में मुख्य विकास अधिकारी श्री श्रीनिवास मिश्र, परियोजना निदेशक श्री अनिल कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, डाॅ0 डीपी सिंह, डाॅ0 मिश्रा व स्वयं सहायतों समूह मौजूद रहें।