शाहगंज(जौनपुर):विजयदशमी के मौके पर इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए दशानन रावण को जलाने की परंपरा का सीमित जगहों पर ही निर्वहन किया जा रहा है। लोगों का जमावड़ा न हो इसलिए रावण और उसके परिवार के प्रतीकात्मक पुतलों को जलाने का कार्य लोग स्थानीय स्तर पर प्रतीक स्वरुप में ही कर रहे हैं। शाम पांच बजे के बाद कई जगहों पर लोगों ने रावण दहन की परंपरा का निर्वहन करते हुए रावण का प्रतीक पुतला बनाया और उसे आग के हवाले करके रावण दहन किया।
इस दौरान लोगों ने पर्याप्त दूरी भी बनायी और भगवान से कोरोना जैसी बीमारी से मुक्ति की कामना भी की। पूर्वांचल भर में कई जगहों पर रावण दहन शाम पांच बजे से शुरू हुआ तो शाम सात बजे तक रावण दहन का प्रतीक के तौर पर परंपरा निभाई गई। हालांकि, सुरक्षा कारणों से पुलिस बलों ने भी इस दौरान गश्त कर रावण दहन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।