बरेली के सिकलापुर में एक ऐसी लाचार और विकलांग,बेसहारा, बहुत ही गरीब महिला जिसका पति ने 10 साल पहले उसे छोड़ दिया,
वो अपने 10* 10 के एक कमरे में अपने मायके में रहे रही थी उसकी ऐसी हालत में उसका भाई और माँ उसे छोड़कर चली गईं।
अब वो अकेली रहती है खाना भी नही उसपर हाथ पैरालिसिस से ग्रस्त होने के कारण रोटी भी नहीं बना पाती है।
इधर उधर से लोग कभी दे गए तो ठीक वरना वो भूखी ही रहती है।
हमारी टीम ने 2 दिन पहले उसका सर्वे किया कि वास्तविकता क्या है उसमें हमारी टीम ने ऐसे लोगो की मदद के लिए एक अनोखी मुहिम की शुरुआत की।
और उस जरूरतमंद महिला की लिफाफा एक पहल मुहिम के तहत हमारे सभी सदस्यों ने जो जिससे बना रुपये देकर उस लाचार महिला की आर्थिक सहायता की ताकि वो उस पैसे से कुछ छोटा मोटा रोजगार कर सके।
यह लिफाफा एक वास्तविक जरूरतमंद का है।
यह लिफाफा एक लाचार का है।
यह लिफाफा एक बेसहारा का है।
यह लिफाफा एक बिकलांगता से ग्रस्त का।
यह लिफाफा एक रोजगार का है।
यह लिफाफा एक हर उस पीड़ित और परेशान महिला और बच्चे का है जो इस कोरोना महामारी के संकट में वास्तविक आर्थिक तंगी की बजह से अपने बच्चों की स्कूल फीस नही भर पा रहे हैं।
संगठन की प्रदेश अध्यक्ष ऋतु व मण्डल अध्यक्ष शशिप्रभा ने कहा कि आज हमारे संगठन वुमेन चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी ने ऐसी अनोखी पहल की शुरूआत बरेली से की है ,जो शायद ही किसी ने सुनी होगी या जमीन पर चलते देखी होगी,जिसके माध्यम से हम सब संगठन की सदस्य कुछ ऐसे लोगों की मदद कर पाएंगे कि जिसको वास्तव में हमारी सहायता की जरूरत है।