पीलीभीत:पराली जलाने पर होगी कार्यवाही, किसान भाईयों को 50 प्रतिशत अनुदान पर प्राप्त कर सकते हैं कृषि यंत्र- उप कृषि निदेशक।



पीलीभीत: कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिंहा की अध्यक्षता में आयोजित राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी में वीडियों काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से रबी फसल की तैयारियों से सम्बन्धित कृषि निवेश, बीज, उर्वरक, कृषि रक्षा रसायन की उपलब्धता के सम्बन्ध में चर्चा की गई। आयोजित गोष्ठी में आगामी धान की फसल कटान के उपरान्त पराली अवशेष प्रबन्धन हेतु दिशा निर्देश प्रदान किये गये तथा फसल अवशेष प्रबन्धन के लिए सरकार द्वारा 25.09.2020 से टोकन जनरेट करने हेतु किसान पोर्टल खोले जाने के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किये गये।
गोष्ठी में रबी फसलों की तैयारी हेतु कृषि निवेशों यथा बीज उर्वरक एव कृषि रक्षा रसायन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देशित दिये गये। वैज्ञानिकों के द्वारा गोष्ठी में विभिन्न फसलों के कम लागत पर अधिक उत्पादन कैसे किया जाए, के विषय में जानकारी प्रदान की गई। धान की फसल तैयार हो रही है, इसके लिए अपर मुख्य सचिव, कृषि महोदय एवं कृषि उत्पादन आयुक्त महोदय, उ0प्र0 शासन द्वारा सख्त निर्देश दिए गए कि जनपद में कहीं भी फसल अवशेष, पराली, पताई आदि न जलाई जाए। यदि कही कोई कृषक पराली जलाते पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाये। पराली जलाने पर दण्ड के रूप में 02 एकड़ तक की एक घटना में 2500 रू0, 02 एकड़ से 05 एकड़ तक की एक घटना में 5000 रू0 तथा 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र की पराली जाने पर 15000 रू0 के अर्थदण्ड का प्राविधान हैं इसके साथ ही प्राथमिकी दर्ज कराते हुए अन्य कार्यवाही भी की जाएगी। फसल अवशेष प्रबंधन हेतु इन-सीटू यंत्रों के माध्यम से एवं पूसा कैप्सूल तथा वेस्ट डी कम्पोजर का प्रयोग करके धान की पराली, गन्ने की पताई एवं अन्य कृषि अपशिष्टों को कम्पोस्ट खाद के रूप में परिवर्तित कर कृषकों द्वारा पराली एवं अन्य कृषि अपशिष्ट जलाने की घटनाओं को रोका जा सकता है।
इसके साथ ही शासन द्वारा दिनांक 25.09.2020 को 11ः00 बजे से पुनः कृषि विभाग की बेवसाइट नचंहतपबनसजनतमण्बवउ पर टोकन बेवसाइट पर जनरेट कर अनुदान पर कृषि यंत्रों को प्राप्त कर सकते हैं।, जिनका प्रयोग कर जनपद में धान की पराली, गन्ने की पताई एवं अन्य कृषि अपशिष्टों का प्रबंधन किया जा सकता है।
वीडियो कान्फ्रेसिंग में जिलाधिकारी श्री पुलकित खरे मुख्य विकास अधिकारी श्री श्रीनिवास मिश्र, उप कृषि निदेशक श्री यशराज सिंह, जिला कृषि अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, सहायक निदेशक रेशम, सहायक निदेशक मत्स्य, अधिशासी अभियन्ता, सिंचाई विभाग, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आदि के द्वारा वीडियो काॅन्फे्रसिंग के माध्यम से गोष्ठी में प्रतिभाग किया गया।