बरेली-:-बिजली विभाग की लापरवाही का जीता जागता साक्ष्य जो आधे में उजाला देखता है और आधे में काला अंधेरा दरअसल आंवला में आज भी एक ऐसा गांव है जिससे लगभग आधी आबादी के घरों मे बिजली जलना मतलब दिन में सपने देखने जैसा है ग्रामीणों का कहना है कोई भी जनप्रतिनिधि हमारी समस्या पर ध्यान नहीं देता लाइनमैन से लेकर जेई तक सब से कह चुके हैं यह लोग लेकिन एक लंबा समय गुजर जाने के बाद भी आज भी बत्ती का मतलब इन के लिए सोने के पहाड़ से कम नहीं है आंवला तहसील के गांव मोहम्मदगंज की महिलाओं ने बताया कि प्रधानमंत्री ने वादा किया था हर घर में बत्ती पहुंचाएंगे लेकिन हमारे गांव का हाल शायद प्रधानमंत्री को मालूम नहीं विभाग के अधिकारी भी इस और ध्यान नहीं देते सरकार ने मट्टी का तेल देना बंद कर दिया है और ऊपर से बिजली का ना होना हम सब लोगों को अंधेरे में रहने को मजबूर करता है बच्चों की पढ़ाई भी ठीक से नहीं हो सकती कोई हमारी नहीं सुनता है बड़े-बड़े शहरों में 24:24 घंटे लाइट रहती है हमारी तो आंखें तरस गई 24 सेकंड लाइट देखने को भी हम लोग चाहते हैं कि हमारी यह आवाज सरकार तक जरूर पहुंचे और सरकार हमारी समस्या का समाधान करे बिशारतगज विद्युत उपखंड के जे ई सज्जन सिंह के अनुसार”ऐसा मामला हमारी जानकारी में नहीं है हम दिखावाते हैं और आगे काम करवाएंगे”