पीलीभीत पूरनपुर : शासन का आदेश है कि हरिजन व मलिन बस्ती में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण हो परन्तु पूरनपुर में इस आदेश का अनुपालन नहीं हो पा रहा है। एसडीएम व बीडीओ के कोविड 19 पॉजिटिव होने के कारण अधीनस्थ मनमानी करने पर उतारू हैं। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है वहीं भाजपा विधायक बाबूराम पासवान ने इसपर सख्त नाराजगी जताते हुए पूरे मामले की शिकायत शासन में करने की बात कही है।
इस समय शासन प्रशासन का पूरा जोर सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण पर है। तहसील व ब्लाक कार्यालय में आजकल इसके अलावा अन्य कोई काम ही नहीं हो रहा है। एसडीएम व बीडीओ के कोविड 19 संक्रमित होने के कारण अधीनस्थ इन शौचालयों के निर्माण में मनमानी करने पर उतारू हैं। शासनादेश में साफ कहा गया है कि सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण हरिजन व मलिन बस्ती में बनाया जाना चाहिए। न्यूनतम 20 फीसदी एससी व एसटी आवादी में यह शौचालय बनाने की अनिवार्यता तय की गई है। इस महत्वपूर्ण मानक की अनदेखी गांवों में की जा रही है। लेखपालों, प्रधानों व सचिवों का गठजोड़ मिलकर मानकों को पलीता लगा रहा है। बड़े अधिकारी कहीं भी मौके पर मोआइना करने नहीं जा पा रहे हैं। लेखपालों की मनमर्जी की रिपोर्ट को ही आगे बढाया जा रहा हैताजा मामला सेहरामऊ उत्तरी के ग्राम सपहा का है। यहां समूची हरिजन बस्ती गांव के पश्चिम मुख्य मार्ग पर रहती है रोड के किनारे हरिजन आबादी व ग्राम समाज के करीब एकड़ भर सरकारी जगह मौजूद है जिसकर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण हो सकता था परंतु प्रधान अपने रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए सार्वजनिक शौचालय निर्माण का प्रस्ताव गांव के पूरब सवर्ण बस्ती में करा दिया है। हरिजन बस्ती में शौचालय न बन पाए इसलिए तेजी से निर्माण काम शुरू करा दिया है। गांव के दलित रामपाल पुत्र मुरली सहित दर्जनों लोगों ने इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी के पोर्टल पर दर्ज कराई और एसडीएम, बीडीओ व विधायक बाबूराम पासवान को पत्र देकर दलित बस्ती में सार्वजनिक शौचालय बनाने की मांग की है। आरोप है कि दलित बस्ती के पास आबादी की सरकारी जमीन पर खुद ग्राम प्रधान का कब्जा है और हरिजन बस्ती की जमीन पर लेखपाल राजकिशोर ने ठेके पर गन्ना लगवाया हुआ है इसीलिए हरिजन बस्ती में शौचालय नहीं बनवाया जा रहा है। इस मामले की भी जांच कराने की मांग ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से की है।
विधायक बाबूराम पासवान ने भी सपहा में दलित बस्ती में शौचालय बनवाने को कहा है। उन्होंने कहा कि अन्य गांवों में भी ऐसे मामले हैं। शासनादेश का उलंघन करके अधिकारी मनमानी पर उतारू हैं इन सबकी शिकायत शासन में की जाएगी और गड़बड़ी की जांच कराई जाएगी ।