पूरनपुर में चंदिया हजारा गांव में 23 दिसंबर को निकलने वाली संकल्प यात्रा से पहले वहां चल रहे आंदोलन को खत्म कराने का प्रयास शुरू हो गया है। आंदोलन खत्म करने के लिए आमराय ली गई, जिसमें 55 किसानों ने असहमति जताई है। उनका कहना है कि अबतक पट्टे की जमीन ही नहीं मिली है। परिवार पालना मुश्किल हो रहा है। यही कारण रहा कि गांव में चल रही बेमियादी भूख हड़ताल 99वें दिन सोमवार को भी जारी रही।
गांव में सोमवार से शुरू हुए जनमत अभियान में शाम चार बजे धरनास्थल पर उन किसानों को बुलाया गया था जिन 55 किसानों की 200 एकड़ जमीन पर लहलहा रहीं फसलें नदी में समा गईं थीं। इन किसानों का कहना है कि मुख्य मांगें पूरी हो गईं, लेकिन उन लोगों की सारी जमीन नदी में समा चुकी है। अब तक उन लोगों को पट्टा देने का मात्र आश्वासन ही दिया जा रहा है। जमीन न मिलने पर वह परिवार का पालन पोषण कैसे करेंगे। आंदोलन समाप्त होने के बाद पट्टे की जमीन मिलने की कोई गारंटी नहीं। सोमवार को क्रमिक भूख हड़ताल पर कंचन मिस्त्री, अल्पना सरकार, शोभा, सावित्री सरकार, झरना विश्वास, फूलो भट्टाचार्य, गुलाबी राय बैठीं।
उधर, ग्राम प्रधान बासुदेव कुंडू का कहना है कि पट्टे की प्रक्रिया ग्राम सभा से होनी है। ग्राम पंचायत की बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद अफसरों को भेजा जाएगा। अगर आंदोलन में ही फंसे रहे तो पट्टा प्रक्रिया जल्दी पूरी नहीं होगी।
बता दें कि गांव में २३ दिसंबर को भाजपा की संकल्प यात्रा होनी है। ऐसे में कुछ आंदोलनकारी सत्ता पक्ष के इशारे पर यात्रा से पहले आंदोलन समाप्त कराने की कोशिश में जुटे हैं। ग्राम प्रधान वासुदेव कुंडू ने बताया कि किसानों से वार्ता के बाद अब गांव के घर-घर जाकर उनका मत लिया जाएगा। 90 प्रतिशत लोगों की राय एक होने पर ही कोई निर्णय लिया जा सकेगा।