पटना। बिहार में जीवित्पुत्रिका (जितिया) व्रत त्योहार के दौरान अलग-अलग घटनाओं में नदियों और तालाबों में पवित्र स्नान करते समय 37 बच्चों समेत 46 लोगों की डूबने से मौत हो गई। राज्य सरकार ने गुरुवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
ये घटना बुधवार को त्योहार के दौरान राज्य के 15 जिलों में हुईं। सभी शव बरामद कर लिए गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिन जिलों में यह हादसे हुए, उनमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, नालंदा, औरंगाबाद, कैमूर, बक्सर, सीवान, रोहतास, सारण, पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, गोपालगंज और अरवल शामिल हैं। संतान की दीर्घायु के लिए रखा जाता है व्रत
बता दें कि बिहार में जितिया त्योहार संतानों की दीर्घायु की कामना के लिए मनाया जाता है। यह छठ पर्व की तरह ही होता है। इसके अंतर्गत 24 सितंबर को नहाय खाय से इसकी शुरूआत हुई थी। 25 सितंबर को उपवास और 26 सितंबर को पारण करने के साथ व्रत का समापन होता है।