अयोध्या के संग्रहालय में रखी जाएगी पीलीभीत की 21.6 फुट लंबी बांसुरी

पीलीभीत : श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में अपने-अपने जिले की प्रसिद्ध वस्तुओं को अयोध्या भेजा जा रहा है। इसी क्रम में पीलीभीत से 21.6 फुट लंबी बांसुरी को अयोध्या भेजा जाएगा। बांसुरी को वहां के संग्रहालय में रखा जाएगा।

बांसुरी को शहर के मशहूर कारीगर मरहूम नवाब अहमद की पत्नी हीना परवीन और उनके पुत्र अरमान नबी व उनके चाचा शमशाद ने साथियों के साथ तैयार किया है। उन्होंने बताया कि यह बांस वर्षों से किसी ऐतिहासिक क्षण के लिए रखा हुआ था। शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ब्रज प्रांत के प्रांत प्रचारक हरीश रौतेला ने इस बांसुरी का पूजन किया। 26 जनवरी को यह बांसुरी अयोध्या धाम भेजी जाएगी। जहां इसे संग्रहालय में रखा जाएगा।

इस मौके पर विभाग संघ चालक ओमप्रकाश गंगवार, प्रांत घोष प्रमुख ललित कुमार, विभाग प्रचारक धर्मेंद्र भारत, विभाग कार्यवाह मिथलेश कुमार, सह विभाग कार्यवाह भद्रपाल गंगवार के अलावा पूर्व सांसद बलराज पासी, जिला अध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह, बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्तानंद, पूरनपुर विधायक बाबू राम पासवान, बीसलपुर विधायक विवेक वर्मा, पूर्व विधायक किशन लाल राजपूत, जिला पंचायत अध्यक्ष पति गुरुभाग सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष डॉ़. आस्था अग्रवाल, ब्लॉक प्रमुख अमरिया निशांत सिंह, ब्लॉक प्रमुख सभ्यता वर्मा, स्वतंत्र देवल आदि मौजूद रहे।

विश्व की सबसे लंबी बांसुरी

शहर के लाल रोड निवासी अरमान ने बताया कि 2021 में उन्होंने 16 फुट लंबी बांसुरी बनाई थी। यह बांसुरी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। यह उस वक्त की सबसे लंबी बांसुरी थी। अब 21.6 फुट की बनाई है, जो विश्व की सबसे लंबी बांसुरी होगी।

अयोध्या नगरी में गूंजेगी हिना बी और अरमान की बांसुरी

अरमान बोले- 20 साल से रखे बांस को था शायद इसी क्षण का इंतजार

– बांसुरी की खासियत यह है कि दोनों तरफ से ही इसे बजाया जा सकेगासंवाद न्यूज एजेंसी

पीलीभीत से मुस्लिम परिवार की तरफ से बनाई गई बांसुरी कुछ अलग ही है। अरमान बताते हैं कि बांसुरी बनाना उनका खानदानी काम है। असम के जिस बांस से यह बांसुरी बनाई गई है वह करीब 20 साल पहले से रखा हुआ था। इस बांस को किसी विशेष प्रयोजन के लिए रखा गया था। 2021 में जब सबसे लंबी बांसुरी बनाई थी तब इसका प्रयोग करने जा रहे थे, लेकिन दूसरा बांस मिल गया तो इसे वापस उठाकर रख दिया था।

सोचा नहीं था कि भगवान श्रीराम की नगरी के लिए इस बांस का प्रयोग होगा। बांस की खासियत यह है कि इसका व्यास यानी गोलाई 3.5 इंच है। इतनी गोलाई के बांस अब नहीं आते। बांसुरी बनाने में दस दिन लग गए। बांसुरी की खासियत यह है कि दोनों तरफ से यह बज सकती है। दोनों तरफ से सातों सुर इसमें डाले गए हैं। बनाने में करीब 70-80 हजार रुपये का खर्च आया। हैंड वर्क किया गया है। सोशल मीडिया पर हिना व उनके बेटे अरमान द्वार तैयार की गई बांसुरी काफी तेजी से वायरल हो रही है। इस बांसुरी को ट्रक से अयोध्या भेजा जाएगा।