फर्रूखाबाद:डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में मनाया गया विश्व क्लब फुट दिवस।

(द दस्तक 24 न्यूज़) ,14 जून 2025 विश्व क्लब फुट दिवस के अवसर पर शनिवार को डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय, फर्रुखाबाद में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन स्वास्थ्य विभाग एवं अनुष्का फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से संपन्न हुआ। इस दौरान जन्मजात विकृतियों, विशेषकर क्लब फुट (मोड़े पांव) की चिकित्सा और प्रबंधन को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अशोक प्रियदर्शी, आर्थो सर्जन डॉ नीरज वर्मा और अनुष्का फाउंडेशन के प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव आलोक वाजपेई कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने की।

डॉ दलवीर सिंह ने बताया कि क्लब फुट एक गंभीर जन्मजात विकृति है, जो हर 800 नवजात में से एक को प्रभावित करती है। भारत में हर साल लगभग 33,000 बच्चे इस विकृति के साथ जन्म लेते हैं। लेकिन यदि समय से इलाज मिल जाए, तो बच्चा सामान्य जीवन जी सकता है। उन्होंने कहा कि समय पर इलाज से क्लब फुट पीड़ित बच्चा अपने पैरों पर चल सकता है और दिव्यांगता से बचाया जा सकता है।

चिकित्सक डॉ नीरज वर्मा ने बताया कि क्लब फुट का इलाज पूरी तरह संभव है। डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में हर शनिवार को विशेष रूप से क्लब फुट पीड़ित बच्चों का निःशुल्क इलाज किया जाता है। वर्तमान में 116 से अधिक बच्चे इस अस्पताल में उपचाररत हैं।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीईआईसी मैनेजर अमित ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों में क्लब फुट समेत 42 प्रकार की जन्मजात बीमारियों की पहचान कर समय से इलाज सुनिश्चित किया जाता है। अनुष्का फाउंडेशन पिछले 5 वर्षों से इस दिशा में कार्यरत है और क्लब फुट को प्रमुखता देते हुए बच्चों को मुफ्त उपचार मुहैया करा रही है।

अनुष्का फाउंडेशन के प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव आलोक वाजपेई ने बताया कि यदि क्लब फुट का सही समय पर इलाज न हो, तो बच्चा शारीरिक रूप से विकलांग हो सकता है और मानसिक तनाव, शिक्षा में बाधा, भेदभाव, शोषण जैसी कई समस्याओं से जूझ सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि क्लब फुट का कोई वैज्ञानिक रूप से सिद्ध कारण नहीं है और यह किसी ग्रहण, माता-पिता की गलती या वंशानुगत दोष के कारण नहीं होता। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी विशेषज्ञों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि समाज में इस जन्मजात विकृति के बारे में मिथकों को तोड़ा जाए और सही जानकारी फैलाकर समय पर इलाज के लिए प्रेरित किया जाए।

निष्कर्ष:

विश्व क्लब फुट दिवस के माध्यम से न केवल समाज को जागरूक किया गया, बल्कि यह भी संदेश दिया गया कि हर बच्चा चल सकता है – यदि समय पर मिले इलाज। डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय और अनुष्का फाउंडेशन का यह प्रयास निश्चित ही समाज में सकारात्मक बदलाव की ओर एक कदम है।

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