समाधन विकास समिति व वर्ल्ड वाइड फंड (WWF) के संयुक्त तत्वावधान में कम्पोजिट विद्यालय रूपपुर कमालू में विश्व कछुआ दिवस के उपलक्ष्य में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों एवं ग्रामीणों को कछुओं के संरक्षण के प्रति जागरूक करना रहा। इस वर्ष की थीम “डांसिंग टर्टल्स रॉक” रही, जिसके माध्यम से लोगों को रचनात्मक, मनोरंजक और प्रभावी तरीके से कछुआ संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार, संसाधित व्यक्ति लक्ष्मीकांत शर्मा और विद्यालय की शिक्षिका अवन्ति गंगवार ने संयुक्त रूप से बच्चों को कछुओं से जुड़ी रोचक जानकारियाँ दीं। उन्होंने बताया कि कछुआ पृथ्वी के सबसे प्राचीन जीवों में से एक है, जो लगभग 22 करोड़ वर्षों से अस्तित्व में है। यह जीव 100 वर्षों से अधिक जीवित रह सकता है और पानी में छह घंटे तक बिना सांस लिए रह सकता है।विशेषज्ञों ने बताया कि कछुए शाकाहारी, मांसाहारी और सर्वाहारी तीनों प्रकार के हो सकते हैं तथा समुद्र में 10,000 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकते हैं। इनकी धीमी चाल इनकी पहचान होती है और यह अतिरिक्त नमक को अपनी आँखों से बाहर निकालते हैं। वर्तमान में कछुओं की 360 से अधिक प्रजातियाँ विश्वभर में पाई जाती हैं।इस अवसर पर ‘जाने कछुआ को’ नामक प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में अंजलि ने प्रथम स्थान एवं सक्षम ने द्वितीय स्थान प्राप्त कर सबका ध्यान आकर्षित किया। कार्यक्रम के अंत में शिक्षकों ने बच्चों से अपील की कि वे अपने आसपास के प्राकृतिक जीवन को समझें, उसे संरक्षित करें और कछुओं जैसे दुर्लभ प्रजातियों के प्रति संवेदनशील बनें, क्योंकि यह दायित्व केवल सरकार और संस्थाओं का नहीं, हम सबका है।
पीलीभीत : कम्पोजिट विद्यालय रूपपुर कमालू में मनाया गया विश्व कछुआ दिवस
