कासगंज जनपद में राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधीऔर उनके साथ समाजवादी पार्टी के विधान सभा अध्यक्ष ने जिला अधिकारी महोदय को दिया ज्ञापन,

कासगंज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्दुल हाफिज गांधी और मुनेंद्र शाक्य विधानसभा अध्यक्ष ने कासगंज जनपद की समस्या को देखते हुए दिया ज्ञापन

  1. प्रधानमंत्री हर घर पेयजल योजना के तहत गांव गांव में बनाई गई आरसीसी की सड़कें जल निगम ने खोद डाली हैं, परंतु 3 साल बीत जाने के बाद भी इन सड़कों की मरम्मत जल निगम ने नहीं कराई है। इन सड़कों के दोबारा ना बनने से गांव-गांव में समस्या उत्पन्न हो रही है। इन खोदी गई सड़कों की दोबारा से मरम्मत कराने के लिए वे निजी कंपनियां जिम्मेदार हैं जिनको जल निगम ने टंकी बनाने और पाइप डालने का ठेका दिया है। जल निगम को इन गांव की खोदी हुई सड़कों की जल्द से जल्द मरम्मत करानी चाहिए और इसके लिए जल निगम को उन निजी कंपनियों को निर्देशित करना चाहिए जिन्होंने गांव-गांव में पानी की टंकी और पाइप डालने का ठेका लिया है। हम आपसे आग्रह करते हैं कि प्रधानमंत्री हर घर पेयजल योजना के तहत खोदी गईं सड़कों को तुरंत बनवाया जाए।
  2. प्राइवेट स्कूल अभिभावकों को किसी खास किताबों की दुकान से पाठ्यक्रम की किताबें खरीदने को बोलते हैं। प्राइवेट स्कूल और बुक विक्रेताओं के बीच में एक नेक्सस विकसित हो चुका है। इस नेक्सस के तहत प्रिंट रेट पर किताबें दी जाती हैं जिसका करीब 60% कमीशन प्राइवेट स्कूलों को दिया जाता है। 15-15 पेज की किताब 450 रुपए में दी जाती है जिसकी एक्चुअल कीमत 80 से 100 रुपए होती है। इससे अभिभावकों को काफी परेशानी होती है तथा अपने बच्चों को पढ़ना मुश्किल हो गया है। प्राइवेट स्कूलों और बुक विक्रेताओं के बीच का यह नेक्सस खत्म किया जाना चाहिए। जिले के अंदर सभी स्कूलों का एक पाठ्यक्रम होना चाहिए और उस पाठ्यक्रम की किताबों की कीमत जिला प्रशासन को निर्धारित कर देनी चाहिए। मैं आपसे आग्रह करूंगा कि सभी प्राइवेट स्कूलों के पाठ्यक्रम की किताबें की रेट लिस्ट निर्धारित कर दी जाए ताकि सभी लोग अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकें।
  3. कासगंज में जितने भी प्राइवेट अल्ट्रासाउंड सेंटर हैं उन पर अल्ट्रासाउंड कराने की फीस निर्धारित कर दी जाए और कम से कम रखी जाए। कासगंज जिला प्रशासन को एक आदेश पारित कर हर प्राइवेट अल्ट्रासाउंड सेंटर पर फीस निर्धारित कर देनी चाहिए ताकि गरीब से गरीब व्यक्ति भी अल्ट्रासाउंड करा कर अपना इलाज करा सके।
    दिल्ली जैसे बड़े शहर में अल्ट्रासाउंड 500 रुपए में होता है जबकि कासगंज जिले में अल्ट्रासाउंड करने की कोई भी फीस निर्धारित नहीं है। कई अल्ट्रासाउंड सेंटर 800 रुपए, कई 1000 रुपए लेते हैं तो कई 1100 रुपए तो कई 1200 या 1300 रुपए तक अल्ट्रासाउंड करने के लेते हैं, जिससे गरीब मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कासगंज जिले में अल्ट्रासाउंड कराना महंगा इसलिए है क्योंकि प्राइवेट अल्ट्रासाउंड सेंटर डॉक्टरों को 200-400 रुपए कमीशन देते हैं। यह कमीशन डॉक्टरों द्वारा मरीजों को रेफर करने के ऐवज में दिया जाता है। अगर यह कमीशन बंद हो जाए तो अल्ट्रासाउंड कराना बहुत ही सस्ता हो जाएगा। डाक्टरों का कमीशन गरीब मरीजों के कंधों पर नहीं डाला जाना चाहिए। इसलिए जिला प्रशासन को एक आदेश पारित कर अल्ट्रासाउंड करने की फीस को निर्धारित किया जाना बहुत ही आवश्यक है। आपसे अनुरोध है कि एक आदेश पारित कर पूरे जिले में अल्ट्रासाउंड करने की फीस निर्धारित कर दें और यह फीस कम से कम होनी चाहिए। इसी के साथ-साथ जांचों जैसे X-ray, blood tests, ECG आदि के शुल्क भी निर्धारित कर दिए जाएं।
  4. जनपद कासगंज की तहसील पटियाली में शहबाजपुर, बरौना, बरी बगवास, कादरगंज पुख्ता, इंदा मिहौला, नरदोली, मूंज खेड़ा होते हुए राजेपुर कुर्रा गांव तक 15 किलोमीटर गंगा जी का किनारा है। इस 15 किलोमीटर के दायरे में दर्जनों गांव आते हैं जो बाढ़ से प्रभावित रहते हैं। वर्तमान में सिंचाई विभाग ने इस क्षेत्र को गंगा कटान और बाढ़ से बचाने के लिए अस्थाई व्यवस्था की है और बीच-बीच में रेत की बोरियां डाल कर ठोकरें बनाईं हैं परंतु यह कोई परमानेंट समाधान नहीं है। इस क्षेत्र को बाढ़ और गंगा कटान से बचाने के लिए पत्थरों की ठोकरों की आवश्यकता है। सिंचाई विभाग को इस 15 किलोमीटर के दायरे में सर्वे कराकर बीच-बीच में पत्थरों की ठोकरें बनाने की आवश्यकता है। इस समस्या के समाधान के लिए एक व्यापक प्रोजेक्ट बनाने की भी आवश्यकता है। इस क्षेत्र को बाढ़ और गंगा कटान से बचाने के लिए गंगा जी की डीसिल्टिंग करना बहुत आवश्यक है। गंगा जी में अधिक सिल्ट जमने से गंगा जी का बहाव रिहायशी इलाकों की तरफ हो गया है। यदि गंगा जी की डी-सिल्टिंग कर दी जाए तो गंगा के बहाव को मोड़ा जा सकता है, जिससे जो गांव बाढ़ से प्रभावित हैं उनको बचाने में मदद मिलेगी। आपसे आग्रह है कि कासगंज सिंचाई विभाग को निर्देशित करें कि इस 15 किलोमीटर क्षेत्र का सर्वे कराकर एक प्रोजेक्ट बनाए जिसमें जगह-जगह पत्थरों की ठोकरें लगाई जाएं तथा गंगा जी में जहां जहां सिल्ट जमा हो गया है वहां पर डी-सिल्टिंग की जाए।
  5. अगस्त 2023 में हुए गंगा कटान की वजह से आए हुए सैलाब से ओम नगरिया से लेकर रामताल वाली सड़क पर एक पुलिया टूट गई थी और दूसरी पुलिया सनौडी से नगला जयकिशन वाली सड़क पर टूट गई थी. इन दोनों पुलियाओं के न होने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। कासगंज पीडब्ल्यूडी विभाग को इन दोनों पुलियाओं के निर्माण में जल्दी करनी चाहिए क्योंकि इन दोनों पुलियाओं के टूटने से दर्जनों गांव के लोग परेशान हैं. अभी इन दोनों पुलियाओं के आसपास खेतों से होकर किसानों ने अस्थाई रास्ता बना लिया है, लेकिन इस समस्या का समाधान तभी होगा जब इन दोनों पुलियाओं का निर्माण हो जाएगा। आपसे आग्रह करता हूं कि ओम नगरिया से लेकर रामताल वाली सड़क पर और सनौडी से लेकर नगला जयकिशन वाली सड़क पर जो पुलियां टूट गई हैं उन दोनों पुलियाओं को शीघ्र से शीघ्र बनवाया जाए।
  6. दरियावगंज से भरगैन-रुदायन होते हुए कंपिल तक बंबे की पटरी पर चौड़ी करके सड़क बनाई जाए जो भरगैन का बाईपास साबित होगा। इससे आसपास के गांव का भी विकास होगा।
  7. गौराह-कासगंज से नहर-नहर होते हुए जो सड़क गई है उसको डबल किया जाए और इस सड़क का निर्माण सहावर, गंजडुंडवारा, पटियाली तथा दरियावगंज के बाईपास के तौर पर किया जाए। इस सड़क को यदि चौड़ा करके बनाया जाए तो सहावर, गंजडुंडवारा, पटियाली, दरियावगंज और अन्य नगरों में लगने वाले जाम से छुटकारा मिल सकता है और जो लोग कासगंज से सीधा अलीगंज, मैनपुरी और फर्रुखाबाद आदि जगह जाना चाहते हैं उनको काफी सुविधा हो जाएगी। आपसे आग्रह है कि इस रूट को बाईपास के तौर पर विकसित किया जाए।
  8. गंजडुंडवारा-गनेशपुर रेलवे फाटक पर अक्सर जाम की शिकायत रहती है। जब रेलवे फाटक बंद हो जाता है तो काफी जाम लग जाता है। गंजडुंडवारा नगरवासियों की काफी समय से मांग रही है कि इस रेलवे फाटक पर एक ओवरब्रिज बनना चाहिए। आपसे आग्रह करते हैं कि डीआरएम बरेली को पत्र लिखकर गंजडुंडवारा-गनेशपुर रेलवे फाटक का सर्वे कराएं और डीआरएम बरेली से आग्रह करें कि गंजडुंडवारा-गनेशपुर रेलवे फाटक पर एक रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कराएं।
  9. चिरोला-दुलाई नहर के पुल से मूढ़ा रजवाहा जिनोल-नरथर तक 10 किलोमीटर लंबा है। इसकी सफाई पिछले काफी सालों से नहीं हुई है। इस मूढा रजवाहा में बहुत ज्यादा सिल्ट जमा हो गया है तथा झाड़ झांकर भी उग आया है जिसकी वजह से नहर का पानी टेल तक नहीं पहुंच पाता है। आपसे आग्रह है कि आप सिंचाई विभाग को निर्देशित करें कि इस रजवाहे में जमे हुए सिल्ट की सफाई करें तथा इसमें उग आए झाड़ झांकर को भी निकालें। यदि जेसीबी मशीन लगाकर इस 10 किलोमीटर
    मूढ़ा रजवाहे की सफाई कर दी जाए तो किसानों को सिंचाई करने में काफी आसानी हो जाएगी।

इसी तरह दरियावगंज से भरगैन के आगे तक जो बंबा जाता है उसकी चौड़ाई और गहराई बढ़ाई जाए और उसमें ज्यादा पानी छोड़ा जाए जिससे आसपास के किसान अपनी फसलों की सिंचाई आसानी से कर सकें।

  1. जनपद कासगंज में राशन विक्रेता राशन प्रणाली सिस्टम में लाई गई ई-वेइंग मशीन का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। पुराने तरीके से राशन बांटा जा रहा है। राशन उपभोक्ताओं को पर्ची भी नहीं दी जा रही है। जो कैमरे राशन विक्रेताओं की दुकान पर लगाए गए हैं वह भी बंद रहते हैं तथा जिले से भी कोई भी मॉनिटरिंग इन राशन डीलरों के केमरों की नहीं होती
    जिलाधिकारी महोदय से अनुरोध किया है कासगंज जनपद की समस्या का जल्द ही समाधान करें

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