आगरा में लाइटर से घूम-घूमकर कारें जलाता रहा जुबैर, महज 27 मिनट में नौ कारों में लगा दी आग, जिस घर मिला भगवा झंडा वही बना निशाना

कालोनी में लाइटर से कारों को घूम-घूमकर जलाता रहा जुबैर। भगवा झंडे लगे 14 घरों के आगे खड़े वाहनों में जुबैर ने लगाई आग। कालोनी में आगजनी के बाद चर्चाएं थीं कि आरोपित ने पेट्रोल डालकर गाड़ियाें में आग लगाई थी। हालांकि पुलिस की जांच में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। सीसीटीवी फुटेज में भी आरोपित खाली हाथ ही जाता दिख रहा है।

नशे में धुत जुबैर के सामने जो भी चीज पड़ी उसमें आग लगा दी। मुरली विहार कालोनी में वह 27 मिनट तक लाइटर लेकर घूमता रहा। घरों के बाहर खड़ी कारों को लाइटर से घूम-घूमकर जलाता रहा। इससे कालोनी के 200 से अधिक घर दहशत में आ गए। वह समझ ही नहीं पा रहे थे कि कारों में अचानक आग कैसे लग गई है।

मुरली विहार के गजेंद्र सिंह चौहान ने बताया गुरुवार रात 1:57 बजे कार का सेंसर बजने से परिवार की आंख खुली। उन्हें लगा चोर कार लेकर जा रहे हैं, भागकर बाहर आए तो देखा कि दरवाजे पर खड़ी कार के अगले हिस्से से लपटें उठ रही हैं। पड़ोसियों की मदद से आग को बुझाया, तब कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से जल चुका था।

एक मिनट बाद ही कालोनी के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता योगेश बघेल के साथ भी यही हुआ। शादी से लौटते कालोनी के युवक ने उनकी कार में आग लगी देख गेट पीटकर उन्हें जगाया। वह आग बुझाने का प्रयास करते, तब तक आंखों के सामने पूरी कार जल गई थी।

धमाके के साथ फटे टायर

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता योगेश बघेल के घर से 200 मीटर दूर ही चंद्रकांत उप्रैती का घर है। उनके दरवाजे पर खड़ी कार में जुबैर ने रात 2:03 बजे आग लगाई। चंद्रकांत ने बताया कि कार के टायर धमाके के साथ फटने पर परिवार के लोगों की आंख खुली। उनकी आंखों के सामने पूरी कार जल गई। कालोनी प्रदीप कुंमार अग्रवाल, अतुल दुबे, महावीर सिंह, भाजपा नेता संजय चौहान ने बताया कि जुबैर 1:57 से लेकर 2:24 बजे तक लाइटर लेकर घूमता रहा। इस 27 मिनट के दौरान उसने पूरी कालोनी में दहशत फैला दी।

झंडा नहीं दिखा, आग से बच गई कार

जुबैर ने कालोनी में खड़ी प्रदीप अग्रवाल, अजीत और अतुल दुबे की कारों में आग लगा दी। इन तीनों के घरों पर झंडा लगा था। इसी कालोनी में एक घर के बाहर खड़ी कार में आग नहीं लगाई। उस घर पर झंडा नहीं लगा था।

पुलिस ने पानीपत से खंगाला आरोपित जुबैर का इतिहास

आरोपित जुबैर को पकड़कर पुलिस थाने लाई। नशे में होने के चलते पूछताछ की हालत में नहीं था। दोपहर में उसका नशा उतरा तो पूछताछ शुरू हुई। पुलिस ने जुबैर का पानीपत से इतिहास खंगाला। संबंधित थाने से जानकारी की। आरोपित का कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला। परिवार में पत्नी दो बच्चे और चार नाती-पोते हैं।

पत्नी ने बताया कि गुरुवार शाम घर से आगरा अपने मित्र के पास जाने को निकला था। यहां बापू नगर खंदारी में रहने वाले मित्र अब्दुल रऊफ से मिला। पुलिस ने उसके मित्र को बुलाकर पूछताछ की। अब्दुल ने बताया कि जुबैर ने टीपी नगर में ठेके से शराब पी थी। पुलिस उसे ठेके पर लेकर गई, वहां के फुटेज देखने पर इसकी पुष्टि हुई।

उच्च शिक्षा मंत्री करेंगे दौरा

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय शनिवार को मुरली विहार कालोनी का दौरा करेंगे। वे पीड़ित परिवारों से बात करके हर संभव मदद करेंगे। मीडिया प्रभारी सुनील करमचंदानी ने यह जानकारी दी।

इनकी कारों में लगाई आग

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता योगेश बघेल (पूरी कार खाक) बलवीर सिंह पौनिया -पीसी चर्तुवेदी अतुल कुमार दुबे (कार का इंजन जला) प्रदीप कुमार अग्रवाल (पूरी कार खाक) अजीत सिंह चंद्रकांत उप्रैती (पूरी कार खाक) गजेंद्र सिंह चौहान (कार अगला हिस्सा खाक) सुनील शर्मा

ये भी बने निशाना

जयवीर सिंह के घर के गेट पर रखी लकड़ियों में राजकुमार अग्रवाल की भुस की टाल में किशन सिंह के रेलवे लाइन किनारे स्थित खोखे में सड़क किनारे रहने वाले नटों की एक झोपड़ी में रमेश चाहर समेत दो के घरों के सामने बगीचों में लगी जाली में आग लगाई

जवाब मांगते कालोनी वालों के सवाल

आरोपित जुबैर यदि सिरफिरा है तो उसने उन्हीं घरों के सामने खड़ी कारों में आग क्यों लगाई? जहां श्रीराम के झंडे लगे थे। 22 फरवरी का दिन ही क्यों चुना? जिन घरों पर झंडे नहीं थे, उनके बाहर खड़े वाहनों को आग क्यों नहीं लगाई

रेलवे लाइन किनारे खोखे के सामने भी कई खोखे थे, लेकिन आरोपित जुबैर ने सिर्फ वही खोखा क्यों जलाया जिस पर श्रीराम का झंडा लगा था।

मुरली विहार कालोनी कई एकड़ में फैली है, सीसीटीवी फुटेज के अनुसार आरोपित ने कई जगह एक मिनट से भी कम अंतराल में कारों में आग लगाई। जबकि उनके बीच की दूरी कई सौ मीटर थी। यह कैसे संभव है? क्या आरोपित के साथ और लोग भी शामिल थे?

आरोपित ने पकड़े जाने के बाद कई बार अपना बयान बदला। अपना नाम गलत बताया था। यदि वह सिरफिरा है तो बार-बार अपना बयान क्यों बदल रहा है?