मैं लखनऊ में थी, तब डांस का ऑडिशन दे रही थी तो वहां पर एक्टिंग का भी ऑडिशन दिया था। मुझे एक कैमियो रोल मिला, तब लगा कि एक्टिंग बड़ी अच्छी चीज है। मुंबई आकर कई ऑडिशन देकर अपने गांव बरेली गई, तब करीब पांच महीने बाद फोन आया कि आप हप्पू की उलटन पलटन में चमची के रोल के लिए सिलेक्ट कर ली गई हैं। फिर तो चमची का रोल ऐसा भा गया कि एक्टिंग में मन रम गया। अब मुंबई में रहकर महीने में करीब 25 दिन शो की शूटिंग करती हूं।
मुझे तो सेट पर सभी लोग मेरे कैरेक्टर नेम ‘चमची’ कहकर ही बुलाते हैं। लोग चमची बुलाते हैं, तब मुझे ऐसा कुछ बैड फील नहीं होता है। मुझे तो इंटरेस्टिंग लगता है। सच कहूं तो अपना रियल नेम ही भूल-सी चुकी हूं, क्योंकि सेट पर सभी कैरेक्टर नेम चमची कहकर ही बुलाते हैं। एक बार किसी ने मुझसे पूछा था कि आपका नाम क्या है? मेरे मुंह से निकल गया- चमची, लेकिन अगले पल ध्यान आया कि मेरा नाम तो जारा है।
मेरी पढ़ाई मुंबई में चल रही है। मेरा सुबह का स्कूल होता है। उसके बाद सेट पर बुक्स वगैरह लेकर जाती हूं। शूट के बाद मुझे ब्रेक मिलता है, तब पढ़ाई करती हूं। हां, मेरे टीचर को टेंशन रहती है कि काम के साथ होम वर्क वगैरह कैसे पूरा करूंगी। मैं उनसे कहती हूं कि मैम! आप टेंशन मत लो। मैं सेट पर बुक्स वगैरह लेकर जाऊंगी और वहां से अच्छे से मैनेज करते हुए कंप्लीट कर लूंगी।
दीपावली की छुट्टी पर गांव गई थी। वहां पर मेरी छोटी भतीजी है। वह कहने लगी कि अभी तो आप टीवी में थीं, अब पास में कैसे आ गई। उसे लगता है कि मैं टीवी में से निकलकर आई। अभी स्कूल में मेरा कोई खास फ्रेंड्स नहीं है। हां, फैन जरूर हैं। मैं जब गर्ल्स वाशरूम में जाती हूं, तब वहां पर पूछती हैं कि तुम हप्पू की उलटन पलटन की चमची हो न।
सेलिब्रेट तो नहीं किया गया, पर मैंने नया वायलिन खरीदा। बहुत सारे आर्टिस्ट को वायलिन बजाते देखती हूं। वह सुनने में बहुत अच्छा लगता है। खैर, अभी खरीदा है। एक्चुअली, पापा से वायलिन लेने के लिए बहुत टाइम से बोल रही थी, लेकिन वे कह रहे थे कि चिल्ड्रन डे पर खरीद देंगे। मैंने भी कहा अच्छा मौका है। अब चिल्ड्रेन डे आया, तब उस मौके पर पापा की तरफ से वायलिन मुझे गिफ्ट में मिला है। अब वायलिन बजाना सीख रही हूं।