आपने ऐसी चीजें बनाई जिनसे लोग मर रहे हैं, मेटा के CEO ने माफी मांगी

मिस्टर जुकरबर्ग, आप और हमारे सामने खड़ी बाकी टेक कंपनियों के हाथ खून से रंगे हैं। मैं जानता हूं आप ऐसा नहीं चाहते थे, लेकिन आपने ऐसी चीजें बना दीं, जिनसे लोग मर रहे हैं।
अमेरिका के सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद) में सीनेट (अपर हाउस) की जूडिशरी कमेटी के सामने भारतीय समय के मुताबिक बुधवार देर रात को पेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कंपनी के मालिकों से कही।
सीनेट में फेसबुक-इंस्टाग्राम की मालिकाना कंपनी मेटा, टिक-टॉक, एक्स, डिस्कॉर्ड और स्नैप के मालिक-अधिकारी पेश हुए। बच्चों के साथ ऑनलाइन हो रहे शोषण और यौन अपराधों के मामलों में जूडिशरी कमेटी इन अधिकारियों से पूछताछ कर रही है। इसके बाद जुकरबर्ग समेत बाकी टेक कंपनियों के मालिकों ने माफी मांगी।
अमेरिका के सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने सोशल मीडिया पर बच्चों के साथ हो रहे अपराधों के लिए जुकरबर्ग समेत बाकी टेक कंपनियों के मालिकों को जिम्मेदार ठहराया।
रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिकी की कई स्टेट्स ने मेटा समेत टेक कंपनियों के खिलाफ मामले दर्ज करवाए हैं। कंपनियों पर आरोप है, उन्होंने जानबूझकर बच्चों की सुरक्षा खतरे में डालकर सोशल मीडिया माध्यमों में बच्चों की मानसिक सेहत बिगाड़ने, आत्महत्या के लिए उकसाने और शोषण का शिकार बनाने वाले फीचर शामिल किए।
सीनेट में सुनवाई के दौरान (बाएं से दाएं) डिस्कॉर्ड के CEO जेसन सिट्रोन, स्नैप के CEO इवान स्पीगल, टिकटॉक के CEO शॉ जी च्यू, X की CEO लिंडा याकारिनो और मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग मौजूद रहे।
सुनवाई के दौरान सीनेट में पीड़ित बच्चों के पेरेंट्स भी मौजूद थे। जैसे ही मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग हॉल में आए, तो आत्महत्या कर चुके बच्चों की तस्वीरें लिए सीनेट में मौजूद कई पेरेंट्स की सिसकियां गूंज उठीं। लोगों ने गुस्सा जताया। पेरेंट्स को रोता देख मार्क जुकरबर्ग उनकी तरफ पलटे। उन्होंने इंस्टाग्राम-फेसबुक के गलत असर को कम करने की बात कही।
सीनेट में मौजूद जूडिशरी कमेटी को न देखते हुए जुकरबर्ग पेरेंट्स से बात करने लगे। उन्होंने कहा- आप सभी जिन चीजों से गुजरे हैं, उसके लिए मुझे दुख है। मुझे माफ कर दें। मैं कभी नहीं चाहूंगा कि जिन चीजों से आप गुजरे हैं उनसे कभी भी कोई और गुजरे। आपने जो झेला है वो कोई भी परिवार न झेले।
स्नैपचैट के CEO इवान स्पीगल ने भी माफी मांगी। उन्होंने कहा- जो कुछ भी हुआ उसे हम रोक नहीं पाए। इसके लिए हमें माफ कर दीजिए।