सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार सुबह दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने पहुंचे। यूपी में बीते दिनों हुए उप-चुनाव के बाद दोनों की यह पहली मुलाकात है। सूत्रों की माने, तो हाल ही में हुए उप-चुनाव के आए नतीजे और आगे आने वाले निकाय चुनाव को लेकर भी दोनों ने मंथन किया। 1 घंटे 30 मिनट की मुलाकात में 6 MLC सीटों के ऐलान, समिति और बोर्ड पदाधिकारियों का गठन और यूपी बीजेपी के नए संगठन पर बात हुई।
इसके अलावा मुलाकात के दौरान सीएम योगी के हाथों में एक फाइल थी। इसको लेकर भी खूब चर्चा हुई। सूत्रों से पता चला है कि योगी सरकार के 13 मंत्री विदेश दौरे पर रहे थे। इस दौरान जो MOU साइन कराए गए, उनकी रिपोर्ट प्रधानमंत्री को दी गई है।
बीते दिनों मैनपुरी, खतौली और रामपुर विधानसभा के उप-चुनाव के बाद बीजेपी आने वाले निकाय चुनाव को लेकर तैयारियों में जुट गई है। निकाय चुनाव की जिम्मेदारी सीएम योगी आदित्यनाथ पर है। ऐसे में चुनाव में जीत को लेकर तैयार की गई रणनीति पर उनकी पीएम मोदी से बात हुई। उन सीटों पर चर्चा हुई, जहां भाजपा आज तक निकाय चुनाव में नहीं जीती है। चुनाव को लेकर मंत्रियों की भी जिम्मेदारी तय की गई। संगठन के पदाधिकारियों के रोल पर मंथन किया गया। फिलहाल निकाय चुनाव के नए आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के आदेश का भी बीजेपी इंतजार कर रही है।
यूपी के कोटे से 6 विधान परिषद सदस्यों को नामित किया जाना अभी बाकी है। संगठन की तरफ से 22 नाम एमएलसी नामित करने को लेकर केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिए गए हैं। सीएम योगी ने बीजेपी की राष्ट्रीय टीम के साथ नामित किए जाने वाले नामों को लेकर भी चर्चा की। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी मौजूद थे। बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि सीएम योगी की किताब लिखने वाले शांतनु गुप्ता को भी इस बार एमएलसी बनाया जा सकता है। संगठन से दो पदाधिकारियों को एमएलसी बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा सांस्कृतिक कोटे से भी एक एमएलसी बनाने को लेकर संगठन में चर्चा की गई है।
सरकार खाली पड़े निगम और बोर्ड के पदों को भरने की कवायद शुरू करने जा रही है। इन पदों पर बीजेपी नेताओं-कार्यकर्ताओं को समायोजित किया जाएगा। इसके लिए तैयारी तेज हो गई है। इन पदों पर जिम्मेदारी मिलने की आस लगाए बैठे नेताओं के लिए यह खबर राहत देने वाली है। निगम और बोर्ड में खाली पड़े दर्जा प्राप्त मंत्रियों को भी भरे जाने के लिए कर तैयारियां चल रही हैं। यह माना जा रहा है निकाय चुनाव के बाद बोर्ड और निगम का ऐलान किया जाएगा।
बीजेपी सूत्रों की मानें, तो भूपेंद्र चौधरी की नई टीम में कई पुराने चेहरों को हटाया जाएगा। ऐसे चेहरे इसमें शामिल हैं जो बीते तीन-चार बार लगातार संगठन में बड़े पदाधिकारी के पद पर जिम्मेदारी निभाते आए हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि दिल्ली की टीम के द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं कि यूपी बीजेपी में नए लोगों को समायोजन किया जाए। जिसमें जातिवार तरीके से नए पदाधिकारियों को तलाश के साथ उन्हें जिम्मेदारी दी जाए।
निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान अगर एक सप्ताह के अंदर हुआ तो बीजेपी निकाय चुनाव के बाद नई टीम का गठन करेगी। अगर चुनाव में हाईकोर्ट के आदेश के बाद आरक्षण लागू किए जाने की प्रक्रिया की वजह से टलता है। तो बीजेपी मकर संक्रांति के बाद कभी भी अपनी नई टीम का ऐलान कर सकती है। इस अहम बिंदु को लेकर दिल्ली में होने वाली बैठक में आज मंथन किया गया
5वीं और सबसे अहम बात उत्तर प्रदेश में 2023 में 10 से 12 फरवरी में होने वाले ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट होना है। 16 देश से 7.12 लाख करोड़ के निवेश का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार के साथ हुआ है। योगी सरकार के 13 मंत्री 16 विदेश दौरे पर रहे और उनके द्वारा जो एमओयू साइन कराए गया। उसकी एक रिपोर्ट प्रधानमंत्री को दी गई है।
सरकार के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि सीएम योगी के हाथ में प्रधानमंत्री की मुलाकात के दौरान जो फाइल है। उस फाइल में अब तक के एमओयू के साइन और ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट को लेकर जो तैयारियां, जो लक्ष्य रखा गया है उसकी रिपोर्ट प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री ने दी है। फिलहाल कोरोना वायरस के मामले को देखते हुए ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट को कराए जाए या ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट को आगे बढ़ाए जाने पर भी प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री योगी की बात हुई है।