उत्तर प्रदेश सरकार ठेला,खोमचा,रिक्शा चालक और दिहाड़ी मजदूर जैसे तमाम रोज कमाकर खाने वाले वर्ग की समस्यायों को ध्यान में रखते हुये जल्द ही एक कार्ययोजना बनाकर इनकी मदद करेगी।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने रविवार को बताया कि 25 मार्च से लागू लाॅकडाउन के कारण ठेला, खोमचा, रेहड़ी लगाने वालों, रिक्शा, ई रिक्शा चालक, पल्लेदार, रेलवे कुली, दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। सरकार समाज के इस वर्ग के प्रति संवेदनशील है और इन्हें हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराने के लिये विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जायेगा।
उन्होने बताया कि पिछले 45 दिनों में देश के विभिन्न राज्यों से अपने घरों को पहुंचे करीब पांच लाख श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके लिये कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी है, जिसमें प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास, प्रमुख सचिव पंचायती राज, प्रमुख सचिव एमएसएमई तथा प्रमुख सचिव कौशल विकास शामिल हैं।
यह समिति ओडीओपी के तहत रोजगार सृजन के साथ-साथ बैंक के माध्यम से लोन मेला आयोजित करेगी। इसके अलावा रोजगार के ज्यादा अवसर सृजित करने के बारे में अपने सुझाव देगी। समिति एमएसएमई0के तहत विभिन्न उद्योगों में रोजगार के अवसर सृजित करने की सम्भावनाएं भी तलाशेगी।
श्री अवस्थी ने बताया कि रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने रिवाॅल्विंग फण्ड में जो बढ़ोत्तरी की है, उससे महिला स्वयंसेवी समूहों को विभिन्न गतिविधियों जैसे-सिलाई, अचार, मसाला बनाना इत्यादि के तहत रोजगार उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये है। महिलाओं द्वारा निर्मित सामग्रियों की मार्केटिंग ओडीओपी के माध्यम से की जाएगी।