यूपी में आलू पर राजनीति गर्म होते जा रही है। सपा मुखिया अखिलेश यादव के बाद अब योगी सरकार के मंत्री दिनेश सिंह का पलटवार आया है। इसमें उन्होंने अखिलेश यादव का नाम तो नहीं लिया लेकिन यह बोला कि आलू किसानों ने उनकी सरकार बदली है, जिन्होंने उनका ध्यान नहीं रखा। उन्होंने कहा कि योगी सरकार आलू किसानों के साथ है। यही वजह है कि दोबारा सरकार बनवाया।
उद्यान एवं कृषि विपणन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह रविवार को अपने सरकारी आवास पर प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। प्रेस वार्ता उन्होंने आलू की फसल, उसमें यूपी सरकार की भूमिका और कोल्ड स्टोर सुविधा के साथ यह बताने के लिए रखा कि यूपी सरकार 650 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से आलू किसानों से खरीदेगी। इसके लिए सभी जिलों में एक क्रय केंद्र बनेगा।
दिनेश सिंह ने बताया कि अगर किसी जिले में आलू बेचने में समस्या हो रही है तो किसान उसको दूसरे जिलों में भी बेच सकता है। इस दौरान एक जिले से दूसरे जिले में ले जाने के लिए 100 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त भुगतान करेगी। यह माल भाड़ा के अंतर्गत आएगा।
दिनेश सिंह ने बताया कि प्रदेश के 17 जिलों में केंद्र सरकार की ऑपरेशन ग्रीन योजना लागू की गई है। केंद्र से ही इसके लिए मंजूरी मिली है। यहां किसानों, व्यापारियों, निर्यातकों, सहकारी संस्थाओं और एफपीओ को परिवहन और भंडारण पर 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा।
इसमें प्रयागराज, बाराबंकी, जौनपुर, फिरोजाबाद, फर्रूखाबाद, मथुरा, कन्नौज, अलीगढ़, मैनपुरी, आगरा, हाथरस, कानपुर नगर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, इटावा और सम्भल जैसे जिले आते हैं। मंत्री ने दावा किया कि यूपी के आलू किसानों को किसी भी स्थिति में नुकसान नहीं होगा।
मंत्री ने कहा कि यूपी सरकार प्रदेश की मंडियों में जल्द ही ई-ट्रेड व्यवस्था लाएगी। इस दौरान दूसरे प्रदेशों में कोई भी ऑनलाइन खरीद कर सकता है। पहले चरण में आलू बहुत क्षेत्र फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, बाराबंकी जिलों में ई-नैम से नीलामी हेतु लॉट लगवाने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़ाने के भी लगातार प्रयास हो रहे है। अभी नेपाल में 15000 टन आलू का निर्यात करने का अनुबंध हुआ है। इसमें पहली खेप फरुर्खाबाद से नेवाल के लिए रवाना हो चुकी है। इसके अलावा आगरा से 600 टन आलू का निर्यात मलेशिया, दुबई और कतर के लिए किया गया है।