लखनऊ: योगी सरकार राजधानी में कैबिनेट की बैठकों के परंपरागत को बदलेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कैबिनेट की बैठकें जनहित की नीतियों का सबसे महत्वपूर्ण और औपचारिक माध्यम हैं। इससे प्रदेश के दूसरे शहरों को भी जोड़ा जाना चाहिए इसलिए कैबिनेट बैठकें अब राजधानी के अलावा दूसरे महत्वपूर्ण शहरों में भी आयोजित की जाएंगी।
योगी कैबिनेट की बैठक को एक बार राजधानी के बाहर ले जा चुके हैं। प्रयागराज कुंभ के दौरान 29 जनवरी 2019 को उन्होंने मेला क्षेत्र में कैबिनेट की बैठक की थी। उस दौरान मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे की घोषणा, प्रयागराज व चित्रकूट के विकास सहित कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई थी। अब इस कवायद के विस्तार की तैयारी है। इससे जिलों में शासन की कार्यप्रणाली को लेकर जागरूकता बढ़ेगी व प्रशासनिक अमले को भी विकास कार्यों व योजनाओं के प्रति अधिक जवाबदेह बनाया जा सकेगा।
योगी ने रविवार को खत्म हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए मेगा प्रस्तावों को जमीन पर उतारने की कवायद शुरू कर दी है। उन्होंने मंत्रियों-अधिकारियों से कहा है कि अपने-अपने विभागों को मिले निवेश प्रस्तावों की तत्काल समीक्षा करें। अगले छह महीने में बड़ी संख्या में निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारते हुए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन करना है। औद्योगिक विकास विभाग व इन्वेस्ट यूपी इसके लिए समन्वय बनाएं। जीआईएस व जी-20 के आयोजन अनुशासन और सुशासन के प्रतिबिंब बने हैं। टीमवर्क व जनसहयोग से यह संभव हुआ है। 33.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव देश में एक रिकॉर्ड है।
सीएम ने कहा कि बजट सत्र के पहले सभी मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में जाएं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ उद्यमियों, व्यापारी वर्ग, युवाओं से मिलें व उन्हें यूपी के आर्थिक उत्थान से परिचय करवाएं। जीआईएस की सफलता के बारे में जानकारी दें। युवाओं के लिए सृजित हो रहे नौकरी-रोजगार के मौके के बारे में भी बताएं। जीआईएस के पहले रिटायर्ड अफसरों, शिक्षाविदों ने शिक्षा परिसरों में जाकर युवाओं को रोजगारोन्मुखी कार्यक्रमों से परिचित कराया था।