भारत से डेब्यू टेस्ट में ही शतक लगाया यशस्वी जायसवाल ने,जानिए वजह

यशस्वी जायसवाल ने भारत से डेब्यू टेस्ट में ही शतक लगाया और क्रिकेट की दुनिया को अपनी पहचान बता दी। यशस्वी 12 साल की उम्र में अपना क्रिकेट करियर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश से मुंबई आए थे। 9 साल बाद उन्होंने भारत के लिए डेब्यू किया और पहले ही मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ 171 रन की मैराथन पारी खेल दी।
यशस्वी ने मुंबई के आजाद मैदान पर प्रैक्टिस की, पैसे नहीं थे तो पानी-पूरी बेची और सफाई तक का काम किया। जूनियर क्रिकेट के 5 साल में 49 शतक लगाए और भारत की अंडर-19 टीम में जगह बनाई। अंडर-19 के बाद रणजी ट्रॉफी, लिस्ट-ए, फर्स्ट क्लास, IPL, इंडिया-ए और टीम इंडिया जहां भी मौका मिला, वहां परफॉर्म किया।
यशस्वी ने बताया कि वह किस तरह IPL नहीं बल्कि भारत के क्रिकेट स्ट्रक्चर की सबसे बड़ी सक्सेस हैं। आगे स्टोरी में हम उनके जूनियर क्रिकेट से टीम इंडिया तक का सफर जानेंगे।
12 साल की उम्र में यशस्वी क्रिकेट खेलने के लिए उत्तर प्रदेश से मुंबई आ गए। भदोही जिले के सुरियावां गांव में आज भी उनका परिवार रहता है, उनके पिता भूपेंद्र पेंट की छोटी दुकान चलाते थे। यशस्वी शुरुआती 5-6 महीनों तक मुंबई में अपने रिश्तेदार संतोष के यहां रहे। घर छोटा होने के कारण संतोष ने यशस्वी को आजाद मैदान भिजवाया, जहां उन्हें 3 साल तक टेंट में रहना पड़ा।
यशस्वी टेंट में ही सोते थे, यहां तक कि कुछ पैसे कमाने के लिए पानी पुरी बेची और दुधवाले के यहां सफाई भी की। आजाद मैदान पर एक मैच के दौरान लोकल कोच ज्वाला सिंह ने उन्हें देखा और 2 साल तक ट्रेनिंग दी। यहीं से जूनियर क्रिकेट में यशस्वी का करियर शुरू हुआ।
यशस्वी ने 14 साल की उम्र में मुंबई की अंडर-19 टीम में जगह बनाई। उन्होंने 5 साल में ही 49 शतक लगा दिए और भारत की अंडर-19 टीम में भी शामिल हुए। लेकिन शुरुआती 2 मैचों में यशस्वी 15 और एक रन ही बना सके, जिस कारण उन्हें प्लेइंग-11 से ड्रॉप कर दिया गया। यहां तक कि सितंबर 2019 में हुए अंडर-19 एशिया कप में उन्हें मौका तक नहीं मिला।
यशस्वी ने अंडर-19 के बाद मुंबई की सीनियर टीम में भी जगह बनाई। उन्होंने 50 ओवर के घरेलू टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी में मुंबई से ओपनिंग की और पहले ही मैच में 113 रन बना दिए। उन्होंने सीजन में 22, 122, 203 और 60* रन की पारियां खेलीं। 17 की उम्र में लिस्ट-ए डबल सेंचुरी बनाने वाले यशस्वी सबसे युवा खिलाड़ी बने।
यशस्वी ने विजय हजारे के 6 ही मैचों में 564 रन बना दिए और सीजन के टॉप स्कोरर देवदत्त पड्डीकल से महज 45 रन पीछे रहे। पड्डीकल ने 11 मैच में 609 रन बनाए थे। यशस्वी अब तक 32 लिस्ट-ए मैचों में 7 फिफ्टी और 5 सेंचुरी के सहारे 1511 रन बना चुके हैं।
लिस्ट-ए में परफॉर्मेंस के बाद यशस्वी को फिर अंडर-19 टीम में मौका मिला। उन्होंने श्रीलंका और नेपाल के खिलाफ शतक लगाए वर्ल्ड कप टीम में भी जगह बना ली। साउथ अफ्रीका में जनवरी-फरवरी 2020 के दौरान हुए वर्ल्ड कप में यशस्वी ने सबसे ज्यादा 400 रन बनाए। उन्होंने 6 मैचों में एक शतक और 4 फिफ्टी लगाईं। उनका शतक पाकिस्तान टीम के खिलाफ आया था
यशस्वी एक मैच में फिफ्टी प्लस स्कोर बनाने से इसलिए चूक गए क्योंकि जापान की टीम पहली पारी में 41 रन पर ही ऑलआउट हो गई थी। उन्होंने ही अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में 88 रन बनाकर टीम को 177 रन के स्कोर तक पहुंचाया। लेकिन टीम बांग्लादेश के खिलाफ करीबी मुकाबला 3 विकेट से हारकर खिताब नहीं जीत सकी थी। 400 रन बनाने और 3 विकेट लेने के लिए यशस्वी को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।
अंडर-19 वर्ल्ड कप के बाद IPL ऑक्शन हुआ। यशस्वी को राजस्थान रॉयल्स ने 2.4 करोड़ रुपए की रकम देकर अपनी टीम में शामिल किया। पहले सीजन उन्हें 3 ही मैच खिलाए गए, लेकिन रॉयल्स टीम की एकेडमी में इंटरनेशनल कोच और खिलाड़ियों के साथ यशस्वी ने अपनी टेक्निक और स्किल पर बहुत ज्यादा काम किया।
2021-22 की रणजी ट्रॉफी में यशस्वी को मुंबई से 3 मैच खेलने का मौका मिला। ये मैच क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल थे, उन्होंने इनमें 3 शतक और एक फिफ्टी लगाई। उत्तर प्रदेश के खिलाफ सेमीफाइनल में तो उन्होंने दोनों ही पारियों में शतक लगाए और टीम को फाइनल में पहुंचाया। यशस्वी ने 83 की औसत से 498 रन बनाए और अपनी टीम के दूसरे टॉप स्कोरर रहे।
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में यशस्वी ने अब तक 15 ही मैच खेले। इनमें वह 80.21 की औसत से 1845 रन बना चुके हैं। इनमें उन्होंने 9 शतक लगा दिए। उनका कन्वर्जन रेट बेहद शानदार रहा, वह अब तक केवल 2 बार फिफ्टी बनाने के बाद भी स्कोर को सेंचुरी में कन्वर्ट नहीं कर पाए हैं।
यशस्वी को दलीप ट्रॉफी में वेस्ट जोन से खेलने का मौका मिला। सितंबर 2022 में उन्होंने दलीप ट्रॉफी डेब्यू पर ही 228 रन बना दिए और अपनी टीम को पहली पारी में अहम बढ़त दिलाई। सेमीफाइनल में वह कुछ खास नहीं कर सके, लेकिन फाइनल में 265 रन की मैराथन पारी खेल कर अपनी टीम को जीत दिलाई।
उन्हें नवंबर में बांग्लादेश दौरे पर इंडिया-ए टीम में मौका मिला और यहां भी उन्होंने डेब्यू पर ही सेंचुरी लगा दी। मार्च 2023 में यशस्वी ने रेस्ट ऑफ इंडिया से खेलते हुए ईरानी कप में डेब्यू किया। इस बार उन्होंने रणजी चैम्पियन मध्य प्रदेश के खिलाफ एक दोहरा शतक और एक सेंचुरी बनाकर अपनी टीम को जीत दिलाई।
घरेलू क्रिकेट और अंडर-19 में शानदार परफॉर्म करने के बाद बारी IPL की आई। 2021 में यशस्वी को 10 मैच मिले, वह एक फिफ्टी के सहारे 249 रन ही बना सके। 2022 में मेगा ऑक्शन से पहले राजस्थान ने यशस्वी पर भरोसा जताया और उन्हें रिटेन किया। उस सीजन भी उन्हें 10 मैच मिले, वह 2 फिफ्टी के सहारे 258 रन ही बना सके।
2023 सीजन से पहले राजस्थान ने फिर यशस्वी को रिटेन किया और जोस बटलर के साथ सभी मैचों में ओपनिंग करने भेजा। यशस्वी ने इस बार विस्फोटक बैटिंग की और बटलर से भी ज्यादा रन बनाए। उन्होंने मुंबई इंडियंस टीम के खिलाफ अपना पहला IPL शतक लगाया और पूरे सीजन 163.61 के स्ट्राइक रेट से 625 रन बना दिए। इस परफॉर्मेंस के लिए उन्हें एमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर चुना गया।क्रिकेटर बनने के लिए यूपी से मुंबई पहुंचे 12 साल के यशस्वी को 9 साल बाद अपनी मेहनत का फल मिला। अंडर-19, घरेलू क्रिकेट, लिस्ट-ए और IPL सभी जगह रन बनाने के बाद उन्हें आखिरकार भारतीय टीम में जगह मिली। 12 जुलाई को वेस्टइंडीज दौरे पर उन्हें पहले टेस्ट में रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग करने का मौका मिला। उन्होंने मौके को भुनाया को डेब्यू पारी में ही शतक लगा दिया। वह मैच के तीसरे दिन 387 गेंद पर 171 रन बनाकर आउट हुए।
सेंचुरी के बाद उन्होंने कहा, ‘सेंचुरी लगाना मेरे लिए इमोशनल मोमेंट था, मैं इस शतक को अपने माता-पिता को समर्पित करना चाहता हूं। उन्होंने मुझे बहुत सपोर्ट किया।’यशस्वी को वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट के साथ टी-20 सीरीज की टीम में भी मौका दिया गया। पहले टेस्ट के बाद 20 से 24 जुलाई तक दूसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा। फिर 3 अगस्त से 5 मैचों की टी-20 सीरीज शुरू होगी।
यशस्वी सितंबर-अक्टूबर में होने वाले एशियन गेम्स में भी भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। शुक्रवार देर रात जारी हुई टीम में उन्हें चुना गया गया है। माना जा रहा है कि बेहतरीन परफॉर्मेंस के आधार पर उन्हें आयरलैंड के खिलाफ 3 टी-20 की सीरीज में भी मौका दिया जाएगा।
एशियन गेम्स और वर्ल्ड कप एक ही साथ खेले जाएंगे, ऐसे में उन्हें वनडे वर्ल्ड कप में मौका तो नहीं ही मिलेगा। लेकिन उनका शानदार फॉर्म जारी रहा तो वह जल्द ही भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में डेब्यू कर सकते हैं।