सालभर के भीतर तीसरे बड़े डॉक्टर ने लोहिया संस्थान को कहा अलविदा, गैस्ट्रो मरीजों की समस्या बढ़ना तय

लोहिया संस्थान के सर्जिकल गेस्ट्रोइंट्रो सर्जरी विभाग के डॉ. शकील मसूद ने संस्थान छोड़ दिया है। संस्थान प्रशासन की ओर से बताया गया कि डॉ. मसूद ने 15 जून को इस्तीफा दिया था। एक साल के भीतर संस्थान छोड़कर जाने वाले यह तीसरे डॉक्टर हैं। डॉक्टरों के जाने से मरीजों का इलाज लगातार प्रभावित हो रहा है। मरीजों को ओपीडी से लेकर ऑपरेशन की तारीखें दी जा रही हैं।
SGPGI और KGMU की तरह लोहिया के डॉक्टरों को संस्थान नहीं भा रहा है। यही वजह है कि साल के भीतर गेस्ट्रो मेडिसिन से डॉ. प्रशांत और इंडोक्राइन सर्जरी की डॉ. रोमा प्रधान संस्थान छोड़कर जा चुकी हैं। इसके अलावा तीन विभाग रीप्रोडक्टिव मेडिसिन, रेस्पेरेट्री मेडिसिन और क्रिटिकल केयर मेडिसन में कोई स्थायी डॉक्टर नहीं है। लोहिया संस्थान में आरक्षण के चक्कर में डॉक्टरों की भर्ती लम्बे समय से हो नहीं पा रही हैं। ऐसे में संस्थान संविदा पर डॉक्टरों से काम चला रहा है। इन विभागों में संविदा पर तैनात डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। डॉ. मसूद वर्ष 2006 में लोहिया संस्थान की स्थापना से तैनात थे। वह 17 वर्ष से संस्थान में सेवाएं दे रहे थे। उनके अचानक इस्तीफा देकर जाने से हर कोई हैरान है।
डॉ.शकील के पास गेस्ट्रोमेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष थे। इनके संस्थान से जाने के बाद संस्थान प्रशासन ने पीडियाट्रिक्स विभाग के डॉ. पीयूष उपाध्याय को गेस्ट्रो मेडिसिन का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। वहीं गर्मियों की छुट्टी तक जनरल सर्जरी विभाग के डॉ. विकास सिंह को गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के कार्यकारी विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई।