नए साल की शुरुआत के साथ ही पार्टी के अंदर अध्यक्ष चुनाव की सरगर्मी बढ़ी,अधिवेशन बुलाने के मिले संकेत

सियासी चुनौतियों से जूझ रही कांग्रेस इस साल नए अध्यक्ष की तलाश पूरी कर लेगी। नए साल की शुरुआत के साथ ही पार्टी के अंदर अध्यक्ष चुनाव की सरगर्मी बढ़ने लगी है। पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की तारीखों का जल्द ही एलान करने की तैयारी हो रही है। अध्यक्ष के साथ कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के लिए चुनाव की संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा रहा है और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआइसीसी) का अधिवेशन जल्द बुलाने की तैयारी इसका पुख्ता संकेत है।
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव का संचालन करने की तैयारियों में जुटे पार्टी चुनाव प्राधिकरण ने इस चुनाव में हिस्सा लेने वाले सभी राज्यों के एआइसीसी प्रतिनिधियों का डिजिटल पहचान पत्र तैयार कर लिया है। मधुसूदन मिस्त्री की अगुआई वाले चुनाव प्राधिकरण ने अपनी तरफ से संगठन के शीर्ष पद के चुनाव की ढांचागत व्यवस्था भी दुरुस्त कर ली है। अब पार्टी हाईकमान को चुनाव कार्यक्रमों पर अंतिम फैसला करना है।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर वरिष्ठ पार्टी नेताओं की अगले हफ्ते बैठकें हो सकती हैं और इसके बाद ही चुनाव की तारीखों का एलान होगा। तब तक विदेश प्रवास पर गए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भी लौट आने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि इन बैठकों में नए पार्टी अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सत्र बुलाए जाने पर फैसला संभव है।
नए अध्यक्ष को लेकर कांग्रेस में ऊहापोह की स्थिति अभी खत्म नहीं हुई है। पार्टी की रीति-नीति का संचालन कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोबारा वापसी की पूरी तैयारी कर चुके हैं। हालांकि राहुल की ओर से नेतृत्व संभालने को लेकर अभी किसी तरह की स्पष्ट घोषणा नहीं की गई है। माना जा रहा है कि नए नेतृत्व के चेहरे की दुविधा खत्म होते ही कांग्रेस हाईकमान अध्यक्ष पद के चुनाव के कार्यक्रमों पर अपनी मुहर लगा देगा।
कांग्रेस में नेतृत्व के असमंजस के साथ पार्टी के लगातार कमजोर होते आधार को लेकर सवाल उठाने वाले कांग्रेस के असंतुष्ट जी 23 समूह के नेता अब भी कई मुद्दों को लेकर संजीदा हैं। इन नेताओं की ओर से यह संकेत दिया गया है कि बेशक सोनिया गांधी के साथ 19 दिसंबर, 2020 को हुई बैठक में कुछ मुद्दों पर स्पष्टता आई, मगर संगठन से जुड़े कई अहम मसलों से जुड़ी चिंता अभी भी बनी हुई है।
असंतुष्ट समूह अपने सवालों और चिंताओं को अधूरा छोड़ने का संकेत नहीं दे रहा। हालांकि पार्टी चुनाव प्राधिकरण से जुड़े सूत्रों के अनुसार अध्यक्ष पद के चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा हो जाने के बाद सारे किंतु-परंतु खत्म हो जाएंगे। मालूम हो कि लोकसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार की जिम्‍मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने जुलाई 2019 में अध्‍यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था तभी से पार्टी प्रेसिडेंट का पद खाली है।

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आदर्श कुमार

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