वेस्टइंडीज ने रविवार को ऑस्ट्रेलिया पर ऐतिहासिक जीत हासिल की। टीम ने कंगारुओं को ब्रिसबेन के द गाबा मैदान पर 36 साल बाद 8 रन से टेस्ट हरा दिया। विंडीज ने 27 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट जीत हासिल की। इस जीत की इबारत लिखी गयाना के तेज गेंदबाज शमार जोसेफ ने, जो एक साल पहले तक सिक्योरिटी गार्ड बनकर जीवन गुजार रहे थे।
रविवार को इस गेंदबाज ने पैर के चोटिल अंगूठे के साथ बॉलिंग की और 7 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। एक दिन पहले मिचेल स्टार्क की यॉर्कर उनके अंगूठे पर लगी और वह पिच पर गिरकर तड़पने लगे थे। शमार को मजबूरन रिटायर्ड हर्ट होना पड़ा और उन्हें साथी प्लेयर्स कंधे के सहारे मैदान से बाहर ले गए।
इंजरी के अगले दिन कप्तान क्रैग ब्रैथवेट ने शमार को मैच खेलने से मना कर दिया। उन्होंने कह दिया कि शमार अपनी टेस्ट जर्सी हॉस्पिटल में ही छोड़कर मैच देखने आए। मैदान में अपनी टीम को हारते देख शमार माने नहीं। उन्होंने एक्स्ट्रा प्लेयर जाचरी मैक्कास्की की जर्सी पहनी, टेप से उनका नाम छिपाया और खेलने उतर गए।
216 के टारगेट में ऑस्ट्रेलिया ने 2 विकेट पर 113 रन बना लिए थे। शमार जोसेफ ने 7 ओवर में 6 विकेट लिए और स्कोर 8 विकेट के नुकसान पर 175 रन कर दिया। उन्होंने जोश हेजलवुड को बोल्ड कर ऑस्ट्रेलिया को 10वां झटका भी दिया और वेस्टइंडीज को 8 रन से रोमांचक टेस्ट जिता दिया।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वेस्टइंडीज का पहला टेस्ट एडिलेड में 17 जनवरी से खेला जाना था। शमार ने मैच के पहले ही आर्म गार्ड खरीदा। उन्होंने कहा था कि स्टार्क, हेजलवुड और कमिंस जैसे पेसर्स से बचने के लिए प्रोटेक्शन की जरूरत तो पड़ेगी ही।
एडिलेड में शमार ने डेब्यू किया और नंबर-11 पर बैटिंग करते हुए पहली ही पारी में 41 बॉल पर 36 रन बना दिए। उन्होंने 3 चौके और एक सिक्स लगाया। टेस्ट के पहले ही दिन उन्हें बॉलिंग का मौका मिला और उन्होंने पहली ही बॉल पर दिग्गज स्टीव स्मिथ को स्लिप में कैच आउट करा दिया।
स्मिथ के विकेट के बाद शमार ने मार्नस लाबुशेन, कैमरन ग्रीन, मिचेल स्टार्क और नाथन लायन को भी पवेलियन भेजा। उन्होंने डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में 5 विकेट लिए लेकिन अपनी टीम को जीत के करीब नहीं पहुंचा सके।
ऑस्ट्रेलिया ने पहला टेस्ट 10 विकेट से जीता क्योंकि शमार ने दूसरी पारी में 12 बॉल पर 15 रन बनाकर अपनी टीम को पारी की हार से बचाया था। शमार ने फिर दूसरे टेस्ट में कुल 8 विकेट लेकर टीम को जिताया और 2 टेस्ट की सीरीज 1-1 से ड्रॉ करा दी। 2 मैच में 13 विकेट लेने के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड मिला। वह दूसरे टेस्ट में प्लेयर ऑफ द मैच भी रहे।
बाराकारा के घरों में साल 2018 तक इंटरनेट और टीवी भी नहीं था। पूरे समुदाय के बीच केवल एक ब्लैक एंड व्हाइट टेलीविजन था। लैंड-लाइन से ही दूसरे शहर के लोगों से बात कर सकते थे। यहां तक कि आईलैंड में हॉस्पिटल और स्कूल भी एक-एक ही थे, वो भी प्राइमरी। यानी गंभीर एक्सीडेंट का इलाज और स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई के लिए दूसरे शहर जाना पड़ता था।
शमार एक समय तक बाराकारा के जंगल से लकड़ी काटकर अपना घर चलाते, उनका परिवार लकड़ी ट्रांसपोर्ट का काम करता था। वह जंगल जाते और लकड़ी काटकर लाते। लकड़ी काटते हुए एक दिन वही पेड़ जमीन गिरा और उनकी जान बाल-बाल बची। तब से उन्होंने लकड़ी काटना छोड़ दिया।
वह लकड़ी काटने के दरान जंगल में टेप बॉल और कपड़े की बॉल के साथ-साथ नींबू, अमरूद और सेब जैसे फलों से गेंदबाजी करते थे। बाराकारा में इस तरह के खेल को जंगल-लैंड क्रिकेट कहते हैं।
जोसेफ ने लकड़ी काटना छोड़ा और न्यू एम्स्टर्डम में रहने लगे। यहां उन्होंने कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी की। कुछ दिन बाद ही उन्हें सिक्योरिटी गार्ड का काम मिल गया। यहां उन्हें 12 घंटे की शिफ्ट में काम करना पड़ता और खाली समय में उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद उन्होंने अपनी पत्नी की सलाह पर नौकरी भी छोड़ दी।
वेस्टइंडीज टीम के प्लेयर रोमारियो शेफर्ड न्यू एम्स्टर्डम में जोसेफ के पड़ोसी थे। वह शमार को गयाना क्रिकेट टीम में ले आए, यहां जोसेफ गयाना के हेड कोच एसुआन क्रैंडन और गयाना टीम के पूर्व कप्तान लियोन जॉनसन जैसे बड़े खिलाड़ियों से मिले। यहीं उन्होंने प्रोफेशनल क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया।
शेफर्ड को गयाना के पूर्व क्रिकेटर से बिजनेसमैन बने डेमियन वंतुल का भी समर्थन मिला। उन्होंने ही जोसेफ को गार्ड की नौकरी छोड़कर क्रिकेट में अपनी किस्मत आजमाने का विश्वास दिलाया। जोसेफ अपने शुरुआती फर्स्ट क्लास मैच में ही चमके और पहले मुकाबले में 13 रन देकर 6 विकेट झटक लिए।