वर्ष 1998 में फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान अभिनेता सलमान खान सहित कई फिल्में हस्तियों पर लगे हिरण शिकार के आरोप के मामले फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है लेकिन इसी बीच क्या सलमान खान को अब माफ करेगा बिश्नोई समाज? अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया का कहना है कि, 27 साल पुराने मामले में बिश्नोई समाज सलमान खान को माफ कर सकता है.
समाज के प्रबुद्ध जन आपस में बैठकर निर्णय ले सकते हैं, अगर सलमान खान मुकाम में आकर अपनी गलती कबूल करते हुए माफी मांगते हैं, तो बिश्नोई समाज अपने 29 नियमों के तहत माफी दे सकता है.
देवेंद्र बूड़िया ने कहा की बिश्नोई समाज के 29 नियमों में दसवें नंबर के नियम में ये प्रावधान है. गलती करने पर क्षमा करने का प्रावधान है. हमारे धर्मगुरु भगवान जंभेश्वर जी द्वारा 29 नियमों के किए गए प्रावधान में एक है ऐसा नियम है, जिसके चलते यदि किसी ने कोई अपराध कर दिया है तो उस पर भी दया करके क्षमा कर सकते हैं.
क्षमा भाव हो तो की जा सकती है दया
यदि मन में क्षमा भाव हो तो दया की जा सकती है. बिश्नोई अखिल भारतीय महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया ने लोकल 18 से ख़ास बातचीत करते हुए बताया कि बिश्नोई समाज कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता है, जब मन में क्षमा की भावना लेकर आते हैं तो दया की जा सकती है. समाज के प्रतिष्ठित लोग बैठकर निर्णय ले सकते हैं.
आज भी याद है उस दिन की घटना
बिश्नोई समाज से जुड़े महिपाल बिश्नोई ने बताया कि अक्टूबर 1998 की रात को भी जोधपुर के कांकाणी गांव में रात के करीब 2 बजे गोली चलने की आवाज सुनाई दी. गांव के पूनमचंद ओर अन्य लोगों ने रात्रि में गाड़ी में लाइट जलती हुई देखा तो उन्हें संदेह हुआ.
लोग तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे, तो मौके पर देखा दो काले हिरणों का शिकार किया गया है. गांव वालों ने एक जिप्सी को वहां से भागते देखा. पता चला कि जोधपुर में फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान सलमान खान अपने साथी कलाकारों के साथ शिकार पर गए थे.
जानें क्या है बिश्नोई समाज के नियम
बिश्नोई समाज के 29 नियमों का पालन समाज में शांति, प्रकृति प्रेम और धार्मिक अनुशासन बनाए रखने के लिए किया जाता है. ये नियम जीवन के हर पहलू को छूते हैं, चाहे वह व्यक्तिगत आचरण हो, प्रकृति के प्रति दायित्व या सामाजिक जिम्मेदारी. पढ़ें बिश्नोई समाज के नियम:
सुबह स्नान करना और शुद्धता बनाए रखना.
शील, संतोष, और शुद्धता का पालन करना.
सुबह-शाम संध्या और प्रार्थना करना.
शाम को आरती करना और भगवान विष्णु के गुण गाना.
सुबह हवन करना.
पानी छानकर पीना और शुद्ध वाणी बोलना.
ईंधन और दूध छानकर लेना.
क्षमा और सहनशीलता का पालन करना.
दया और नम्रता से जीवन जीना.
चोरी न करना.
निंदा न करना.
झूठ न बोलना.
वाद-विवाद से बचना.
अमावस्या का व्रत रखना.
विष्णु भजन करना.
सभी प्राणियों पर दया रखना.
पेड़ों को नहीं काटना.
अपने हाथ से खाना पकाना.
बैल को बधिया (नपुंसक) न करना.
नशे (अमल), तंबाकू, भांग और शराब का सेवन न करना.
मांस का सेवन न करना.
नीले रंग के कपड़े न पहनना.