अमेरिका में शरण लेने की उम्मीद में हजारों लोग अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर पहुंच गए हैं। उन्हें, नए राष्ट्रपति जो बाइडन के पद संभालने के बाद देश में प्रवेश आसान होने की उम्मीद है। 63 वर्षीय इज़ाबेल ओसोरियो ने कहा कि ऐसा लगता है कि नए राष्ट्रपति प्रवासियों की मदद करना चाहते हैं। वह होन्डुरस से हफ्ते भर का सफर बस से तय करके उत्तर मैक्सिको पहुंचे हैं और अमेरिका जाने से पहले टिजुआना में एक सस्ते होटल में ठहरेंगे।
उन्होंने कहा,”वे कह रहे हैं कि मदद करेंगे लेकिन मुझे नहीं पता कि यह कितना सच है।” ओसोरियो उन हजारों लोगों में शामिल हैं जो इस उम्मीद के साथ अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर पहुंचे हैं कि शरण के लिए गुहार लगाएंगे और अमेरिका जा पाएंगे क्योंकि अब राष्ट्रपति के पद पर डोनाल्ड ट्रंप नहीं हैं। बाइडन ने पद संभालने के बाद, पहले हफ्ते में ही ट्रंप की कड़ी आव्रजन नीतियों को बदलने के लिए कुछ प्रमुख कदम उठाए हैं लेकिन उनके प्रशासन ने शरण मांगने वालों के रास्ते में आने वाली अहम बाधाओं को दूर नहीं किया है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने हाल ही में कहा था कि अभी इसका समय नहीं आया है और कई लोगों को वापस कर दिया जाएगा। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी 6 फरवरी को इसी तरह की टिप्पणी की थी। उन्होंने होन्डुरस, अल साल्वाडोर और ग्वाटेमाला के साथ ट्रंप के कार्यकाल में हुए समझौतों को खत्म करने का ऐलान किया था। इन समझौतों के तहत, शरण मांगने वाले लोगों को अमेरिका के बजाय इन देशों से शरण मांगना था।
ब्लिंकन ने कहा, “स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इन कार्रवाइयों का मतलब यह नहीं है कि अमेरिका की सीमा खुल गई हैं।” विदेश मंत्री ने कहा, “हम यहां और क्षेत्र में सुरक्षा तथा अवसर के वास्ते कानूनी रास्ते के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन अमेरिका एक ऐसा देश है जहां सीमा भी है और कानून भी, जिसे लागू किया जाना चाहिए।”
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आदर्श कुमार
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