केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के अपने तीन दिवसीय दौरे के पहले दिन आतंकवाद पर परोक्ष रूप से करारा हमला बोला। शाह ने शनिवार को श्रीनगर में यूथ क्लब के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं यकीन दिलाता हूं कि जम्मू-कश्मीर की शांति में जो भी खलल डालना चाहेगा उससे हम सख्ती से निपटेंगे। शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास की जो यात्रा शुरू हुई है उसमें कोई भी रोढ़ा नहीं अटका पाएगा। जानें शाह के दौरे की बड़ी बातें.
शाह ने अपने दौरे के पहले दिन विपक्ष को भी निशाने पर लिया। गृह मंत्री ने यूथ क्लब के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले की सरकारों ने 70 साल में जम्मू-कश्मीर को क्या दिया..? 87 विधायक, 6 सांसद और तीन परिवार..। प्रधानमंत्री मोदी जी ने पंचायत चुनावों में करीब 30 हजार चुने हुए प्रतिनिधि देने का काम किया है जो आज लोगों की सेवा कर रहे हैं।
शाह ने कहा कि मौजूदा वक्त में जम्मू-कश्मीर में युवा विकास, रोजगार और पढ़ाई की बात कर रहा है। यह बहुत बड़ा बदलाव है। मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि जम्मू-कश्मीर की शांति में जो भी खलल डालना चाहेगा उससे हम सख्ती से निपटा जाएगा। शाह ने कहा- अब कोई कितनी भी ताकत लगा ले बदलाव की बयार को कोई नहीं रोक सकता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर में सुख-शांति-सुरक्षा-समृद्धि और लोकतंत्र की बहाली के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मिशन को पूरा करने के लिए स्थानीय युवाओं से सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मैं कश्मीर के युवाओं से दोस्ती करने आया हूं। कश्मीर में विकास की जो यात्रा शुरू हुई, उसमें युवाओं को सहयात्री बनाने आया हूं।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमने एक नया जम्मू-कश्मीर बनाने की शुरुआत की है। इसका असर हो रहा है। मैंने यहां विभिन्न युवा क्लबों के विभिन्न धर्मों, क्षेत्रों से जुड़े युवाओं से बातचीत की है। मैं हैरान हूं कि आज कश्मीर का युवा विकास, रोजगार, कौशल विकास, शिक्षा की बात करता है, पथराव की बात नहीं करता। यह कितना बड़ा बदलाव हुआ है। पत्थरबाज गायब हो गए हैं।
शाह ने कहा कि कुदरत ने कश्मीर को स्वर्ग बनाया है, इसलिए कश्मीर के युवा गुमराह होने से बचें और दुश्मन को एकजुट होकर जवाब दें। इसके साथ शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन का कार्य जल्द पूरा होगा और उसके बाद राज्य का दर्जा भी बहाल किया जाएगा।
शाह ने पूरे भाषण के दौरान पाकिस्तान का नाम भी सिर्फ एक बार लिया। गृह मंत्री ने कहा कि मैं पाकिस्तान की बात करने वालों को जवाब नहीं देना चाहता, क्योंकि मैं यहां कश्मीर के युवाओं से बात करने आया हूं। मैं कश्मीर के युवा साथियों को बताने आया हूं कि मोदी सरकार आपके लिए कई योजनाएं लाई है। इन योजनाओं का आप लाभ लें।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों के परिजनों और आतंकी घटनाओं में मारे गए नागरिकों के परिजनों से भेंट की। इस मौके पर शाह ने कहा कि मैं हर नागरिक को विश्वास दिलाता हूं कि मोदी सरकार और पूरा देश आपके साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने कहा कि भारत ऐसी किसी भी कायरतापूर्ण हिंसा से डरने वाला नहीं है।
इससे पूर्व गृह मंत्री अमित शाह बड़गाम के नौगाम में स्थित शहीद सीआइडी इंस्पेक्टर परवेज अहमद डार के घर शोक व्यक्त करने पहुंचे। गृह मंत्री ने शहीद के परिजनों को सांत्वना देते हुए कहा कि परवेज की शहादत पर मुझे ही नहीं पूरे देश को गर्व है। उन्होंने इस दौरान शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी का पत्र भी सौंपा। उन्होंने कहा कि देश के लिए शहादत देने वाले इंस्पेक्टर परवेज अहमद के परिवार की देखरेख प्रशासन की जिम्मेदारी है।
जम्मू-कश्मीर के अपने दौरे के पहले दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को श्रीनगर-शारजाह अंतरराष्ट्रीय उड़ान का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हम इसे आज से खोलने की घोषणा करते हैं। इससे पर्यटन को बढ़ावा देने और केंद्र शासित प्रदेश में अधिक निवेश लाने में मदद मिलेगी…
शाह ने अपने दौरे के पहले दिन श्रीनगर में सुरक्षा के मसले पर एक हाईलेवल समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। शाह ने राजभवन में आयोजित बैठक में अल्पसंख्यकों और गैर-स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी ली। मालूम हो कि हाल के दिनों में आतंकियों की ओर से गैर कश्मीरी और हिंदू समुदाय के लोगों की लक्षित हत्याएं की गई हैं। बीते 15 दिनों में 11 नागरिक मारे जा चुके हैं।
सुरक्षा पर हुई उच्च स्तरीय बैठक के दौरान सुरक्षा बलों की ओर से किए गए आतंकवाद रोधी और घुसपैठ रोधी उपायों पर भी चर्चा की गई। बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, नागरिक, सैन्य, अर्धसैनिक बलों और केंद्र सरकार की खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
आतंकवादियों द्वारा नागरिकों की हत्याओं के बाद जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों यानी सीएपीएफ की 50 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की जा रही हैं। कश्मीर के घनी आबादी वाले शहरों में सुरक्षा के लिए इन जवानों की तैनाती हो रही है
समाचार एजेंसी आइएएनएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि श्रीनगर शहर में कई जगह बंकर बनाए गए हैं। इन बंकरों के पास जवानों की तैनाती होगी। मालूम हो कि साल 2014 और 2018 में इन बंकरों को हटा दिया गया था। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर की यह शाह की पहली यात्रा है।