मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने प्रदेश को देश का बागवानी राजधानी (होर्टिकल्चर कैपिटल) बनाने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में नाबार्ड द्वारा आयोजित राज्य ऋण संगोष्ठी 2020-21 में ‘स्टेट फोकस पेपर’ का विमोचन करते हुए राज्य को होर्टिकल्चर कैपिटल बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी (बागवानी) किसानों की समृद्धि के द्वार खोलने वाला क्षेत्र है। यही कृषि का भी भविष्य है।
कमल नाथ ने कहा कि राज्य में बड़ी मात्रा में अनुपयोगी पड़ी राजस्व भूमि का उपयोग उद्यानिकी क्षेत्र के विस्तार में किया जा सकता है, वहीं नाबार्ड को होर्टिकल्चर के क्षेत्र में ऋण देने का अनुमान छह प्रतिशत से बढ़ाकर कम से कम 15 प्रतिशत रखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड के पास वर्षो का संचित अनुभव और बौद्धिक क्षमता है। इसका उपयोग भविष्य में निर्मित होने वाले परिदृश्य में ज्यादा कारगर होगा। नाबार्ड को न सिर्फ वर्तमान, बल्कि अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 की योजना भी अभी से तैयार करना पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि आज जो स्थितियां हैं, वो पांच साल बाद बदल जाएंगी। आज तय किए गए लक्ष्य आसानी से पूरे हो जाएंगे, लेकिन भविष्य की दृष्टि से नए लक्ष्यों की चुनौती को भी स्वीकार करना होगा।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, नाबार्ड ने मध्यप्रदेश में वर्ष 2020-21 के लिए 1,98,786 करोड़ रुपये ऋण की संभावना का आकलन किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 13 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले साल यह राशि 1,74, 970 करोड़ थी। ऋण अनुमान में फसलीय ऋण 1,03,005 करोड़ रुपये और टर्म लोन 44,982 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एस.के. बंसल ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए बैंकों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने प्रदेश के 100 फीसदी किसानों तक केसीसी कवरेज बढ़ाने, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में निवेश और कृषि उत्पादक समूहों के वित्त-पोषण के प्रयास किए जाने की जरूरत पर बल दिया।