केंद्र सरकार जल्द ही गंभीर श्रेणी की दुर्लभ बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को इलाज के लिए 15 लाख रुपये तक की रकम उपलब्ध कराएगी।
इसके लिए दुर्लभ बीमारी राष्ट्रीय नीति (नेशनल पॉलिसी फॉर रेयर डिजीज) का मसौदा तैयार हो चुका है, जिसमें राष्ट्रीय आरोग्य निधि योजना के तहत मरीज को एक बार इलाज के लिए यह आर्थिक सहयोग देने का प्रावधान किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,सरकार की तरफ से जारी किए गए मसौदे में यह लाभ गरीबी की रेखा से नीचे के परिवारों तक ही सीमित नहीं रखा गया है बल्कि आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्र मानी गई 40 फीसदी आबादी को भी इस नई नीति का लाभ मिलेगा.
हालाँकि आपको बता दें कि यह रकम केवल सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर ही दी जाएगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मसौदा नीति को अपनी वेबसाइट पर जारी करते हुए 10 फरवरी तक इस पर सुझाव भी मांगे हैं. चिकित्सा मंत्रालय इसके लिए कुछ खास चिकित्सा संस्थानों को दुर्लभ बीमारियों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर अधिसूचित करने की तैयारी में है. इनमें एम्स (दिल्ली), मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (दिल्ली), संजय गांधी पीजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (लखनऊ), चंडीगढ़ पीजीआई और चार अन्य संस्थान शामिल हैं.