विधान परिषद की दो एमएलसी की सीटों पर 29 मई को मतदान किया जाएगा। ये दोनो ही सीटें लक्ष्मण आचार्य के इस्तीफा देने और बनवारी लाल दोहरे के निधन से खाली हुई। इससे पहले दोनों ही सीटें भाजपा के पास थीं। जिस पर एक बार फिर बीजेपी ने मानवेंद्र सिंह और पदमसेन को प्रत्याशी बनाया है।
विधान परिषद के उप चुनाव में 20 साल बाद मतदान होने जा रहा है इससे पहले वर्ष 2002 में ऐसी स्थिति बनी थी जब रालोद के मुन्ना सिंह चौहान के खिलाफ निर्दल प्रत्याशी यशवंत मैदान में थें। मुन्ना सिंह चौहान की जीत हुई थी। एक बार फिर से 29 मई को दो सीटों पर होने वाले उप चुनाव के लिए भाजपा के प्रत्याशियों के खिलाफ मुख्य सपा ने प्रत्याशी उतार दिए है।
विधान परिषद का उपचुनाव बहुमत के आधार पर किया जाता है और जिस पार्टी में विधानसभा के सदस्यों की संख्या ज्यादा होती है वही जीत हासिल करता है। और अगर वर्तमान स्थिति की बात करे तो उत्तर प्रदेश विधानसभा के 403 में से 274 सदस्य भाजपा के हैं। यानी कि दोनों ही सीटों पर एक बार फिर से बीजेपी जीत हासिल करेगी।