हाल ही में NDA में शामिल होने वाले सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर और सपा छोड़कर आने वाले दारा सिंह चौहान के जल्द अच्छे दिन आने वाले हैं। दरअसल, दिल्ली में जब NDA के घटक दलों की बैठक हुई तो उसमें सुभासपा भी शामिल हुई। उसके बाद ओपी राजभर ने CM योगी आदित्यनाथ, BJP प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक से भी मुलाकात की। NDA में ओपी राजभर के शामिल होने के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही वो योगी मंत्रिमंडल में फिर से शामिल होंगे।
सूत्रों की मानें तो सात अगस्त से पहले ही यह मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। इसकी जानकारी दोनों को दे दी गई है। इसीलिए 2 दिन पहले ओपी राजभर ने खुद मंत्रिमंडल में जल्द शामिल होने की बात भी कही थी
ऐसा नहीं है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में केवल ओपी राजभर की ही लॉटरी लगने वाली है, बल्कि सपा के साथ-साथ अपनी विधायकी से इस्तीफा देकर दोबारा बीजेपी में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी
हालांकि चर्चा इस बात की भी है कि यह मंत्रिमंडल विस्तार बहुत ही छोटा होगा। इसमें केवल एक सहयोगी दल और BJP में शामिल होने वाले दारा सिंह चौहान को ही मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा किसी अन्य दल या फिर BJP की ओर से किसी को भी इस विस्तार में मंत्री पद मिलने की संभावना बेहद कम है। हालांकि इस मंत्रिमंडल विस्तार पर राजभवन से फाइनल मुहर लगनी बाकी है।
वर्तमान में अगर योगी मंत्रिमंडल की बात करें तो CM योगी आदित्यनाथ समेत कुल 52 मंत्री मंत्रिमंडल में मौजूद हैं, जिनमें 2 डिप्टी सीएम समेत कुल 18 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 20 राज्य मंत्री शामिल हैं। मंत्रिमंडल में मंत्रियों की अधिकतम संख्या 60 तक हो सकती है। ऐसे में लगभग 8 जगह खाली हैं। अगर ओपी राजभर और दारा सिंह चौहान को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, तो मंत्रियों की संख्या बढ़कर 54 हो जाएगी।
माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले BJP वर्तमान मंत्रिमंडल में कोई भी बड़ा बदलाव नहीं करना चाहती। क्योंकि ओपी राजभर कुछ शर्तों के साथ NDA में दोबारा शामिल हुए हैं। वहीं दारा सिंह चौहान ने भी अपनी वर्तमान विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद BJP जॉइन की है, ऐसे में इन दोनों को ही BJP रिटर्न गिफ्ट में मंत्री पद देने जा रही है।
दारा सिंह चौहान इस समय विधायक भी नहीं हैं। मऊ की घोसी सीट से वह सपा विधायक रहे। BJP में शामिल होने से पहले उनके इस्तीफे को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मंजूर कर लिया था। उनकी विधानसभा सीट को रिक्त घोषित करते हुए निर्वाचन आयोग को नोटिफिकेशन भी भेज दिया है।
अब जल्द ही चुनाव आयोग वहां उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर सकता है। लेकिन, BJP की तैयारी है कि दारा सिंह चौहान को पहले मंत्री बनाया जाए। उसके बाद जिस सीट से उन्होंने इस्तीफा दिया है, उसी सीट से उन्हें फिर से चुनाव मैदान में उतारा जाए।
हालांकि चर्चा इस बात की भी काफी रही कि BJP 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें वहां अपना उम्मीदवार बना सकती है, पर अब जिस तरह से दारा सिंह चौहान को दोबारा मंत्री बनाने की बात सामने आ रही है, उससे यह बिल्कुल साफ है कि दारा सिंह चौहान दिल्ली की बजाय प्रदेश में ही सक्रिय रहेंगे।
यूपी की 80 लोकसभा सीट जीतने का दावा करने वाली भाजपा ने काशी और गोरखपुर को सुरक्षित करने के लिए OBC कार्ड खेला है। दारा सिंह चौहान और राजभर के NDA में शामिल होने से पूर्वांचल की 27 लोकसभा सीट के वोटर्स को जोड़ने का प्लान माना जा रहा है। बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी अचानक चाय पीने पहुंचे। जहां दोनों लोगों में लंबी बातचीत चली। फिलहाल राजनीतिक जानकार मानते हैं कि भाजपा जिस तरह से राजभर को तवज्जो दे रही है। उसके पीछे की मजबूरी 2024 का लोकसभा चुनाव अहम है।