अखिलेश यादव ने शुक्रवार को यूपी सरकार पर पिछड़ों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने ट्वीट करके सवाल पूछा, जब ओबीसी आयोग के सदस्यों ने सीएम योगी को रिपोर्ट सौंपी, तो उनके जूते उतरवाए गए? जबकि सीएम योगी और उनके कुछ खास लोग बैठक में जूते पहनकर पहुंचे थे।
दरअसल, यूपी के नगर निकाय चुनाव में OBC आरक्षण के लिए बने ओबीसी आयोग ने अपनी रिपोर्ट गुरुवार को सीएम योगी को सौंपी थी। इसके बाद एक फोटो सामने आई जिसमें सीएम योगी को 350 पन्नों की रिपोर्ट सौंपते कुछ अधिकारी दिखे। इस फोटो में सीएम योगी के साथ कुछ लोग जूता पहने दिख रहे हैं। वहीं कुछ लोग बिना जूते के भी थे। शुक्रवार को जब योगी कैबिनेट से इस रिपोर्ट को मंजूरी मिल गई। इसके बाद अखिलेश यादव ने इसको लेकर ट्वीट कर यूपी सरकार पर निशाना साधा।
अखिलेश यादव ने पिछड़ों और दलितों के साथ भेदभाव के मुद्दे पर BJP सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि जब पिछड़ों के साथ इस तरह का भेदभाव किया जा रहा है, तो वह उनका हक कैसे देंगे? इसके साथ ही उन्होंने सीएम योगी को समाजवाद का मूल भी पढ़ने की हिदायत दी।
वहीं, अखिलेश यादव ने आज ही सपा के प्रदेश मुख्यालय में युवा संगठनों के प्रमुख नेताओं की बैठक को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा, भाजपा सत्ता का दुरुपयोग करके लोकतंत्र से खिलवाड़ कर रही है। देश में संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ED, इनकम टैक्स और CBI का उपयोग विपक्ष को डराने-धमकाने और सपा को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। बुलडोजर से डराना भाजपा का एजेंडा है। इन्हीं कुनीतियों के चलते समाज का हर वर्ग परेशान है और अब वह भाजपा सरकार से छुटकारा पाना चाहता है।
अखिलेश ने कहा, आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी की सभी 80 सीटों पर भाजपा का हारना तय है। सपा लोकसभा चुनाव में विजयी होगी। जनता समाजवादी पार्टी के साथ है।
उन्होंने कहा, आज नौजवानों के भविष्य के आगे अंधेरा है। रोटी-रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है। समाजवादी पार्टी उनके लिए आवाज उठाती रही है। महंगाई भाजपा के कारण है। किसान की आय दोगुनी कहां हुई? बिजली महंगी क्यों है? एक यूनिट बिजली का भाजपा राज में उत्पादन नहीं हुआ। फर्जी मुकदमों में सपा के नेताओं को फंसाया जा रहा है। रोजगार की दर 4.2% है, जो सच्चाई से दूर है।
यूपी सरकार की कैबिनेट बैठक शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई। इसमें 22 प्रस्ताव कैबिनेट में रखे गए, जिनमें से 21 पास हुए। इसमें OBC आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। 11 अप्रैल को यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश होगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक प्रदेश में निकाय चुनाव पर फैसला लिया जाएगा.
अखिलेश ने जातीय जनगणना की मांग को एक बार फिर दोहराया। विधानसभा के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “सपा पहली बार जातीय गणना के पक्ष में नहीं है। देश के बहुत सारे दल भी इसके पक्ष में हैं। हम आज फिर से जातीय जनगणना की मांग करते हैं। सबका साथ-सबका विकास तभी संभव है, जब जातीय जनगणना हो। मुख्यंमंत्री दूसरे प्रदेश से आए हैं। उन्हें यूपी की जातीय जनगणना से कोई मतलब नहीं है।”