लोकसभा की कार्यवाही पिछले कई दिनों से चल रही है, लेकिन गुरुवार को कुछ ऐसा देखने को मिला जो पिछले 18 सालों में नहीं देखा गया. लोकसभा में रेलवे की अनुदान मांगो पर चर्चा देर रात करीब 12 बजे तक चली. इस दौरान संसद में कई विपक्षी सांसद भी मौजूद रहे.
रेल मंत्रालय से जुड़ी अनुदान मांगों को लेकर शुरू हुई इस चर्चा को खत्म होते-होते 11 बजकर 58 मिनट हो गए. पूरी चर्चा में करीब 100 सांसदों ने हिस्सा लिया. इस दौरान सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्र से जुड़े कई विषयों पर भी चर्चा की.
पहल की हो रही तारीफ
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष को धन्यवाद दिया. उन्होंने देर रात तक लोकसभा की कार्यवाही चलाने की इस पहल के लिए उनका आभार जताया. उन्होंने कहा कि ऐसा पिछले 18 सालों में पहली बार हुआ जब सदन में देर रात तक बैठकर चर्चा हुई हो. उनके अलावा भी कई सांसदों ने देर रात तक संसद में चर्चा की तारीफ की और इसे अच्छी पहल बताया.
आधी रात तक संसद की कार्यवाही चलने पर रेल राज्यमंत्री सुरेश चन्नबसप्पा अंगदी ने कहा, ‘रेलवे एक परिवार की तरह है जो सभी को एक साथ लेकर चलता है और संतुष्ट करता है. सभी सदस्यों ने रेलवे को लेकर काफी अच्छे सुझाव दिए. जब से पीएम मोदी सत्ता में आए रेलवे बदल गया है. जो वाजपेयी जी ने सड़कों के लिए किया, वही पीएम मोदी रेलवे के लिए कर रहा है.‘
रेलवे पर हुई जमकर बहस
संसद में देर रात तक चली इस कार्यवाही में सरकार और विपक्ष कई मुद्दों पर आमने-सामने दिखे. रेलवे को लेकर हुई लंबी बहस के दौरान विपक्ष ने सरकार पर रेलवे के निजीकरण का आरोप लगाया. विपक्ष ने कहा कि सरकार रेलवे को निजीकरण के रास्ते पर ले जा रही है. सरकार को बड़े वादे करने के बजाय अच्छी सुविधाएं और जवाबदारी तय करने को कहा गया है. इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि रेलवे रोजाना कई कीर्तिमान हासिल कर रहा है. पिछले पांच सालों में कई स्तर पर सुधार हुआ है.