पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा है कि अब IMF को कर्ज की किश्त जारी करने में देर नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनके मुल्क ने तमाम शर्तें पूरी कर दी हैं। दरअसल, शरीफ कहना ये चाहते हैं कि सऊदी अरब और UAE ने पाकिस्तान को गारंटी डिपॉजिट देने का भरोसा दिलाया है, लिहाजा अब IMF को 1.2 अरब डॉलर की किश्त जारी कर देना चाहिए।
दूसरी तरफ, IMF ने साफ कर दिया है कि भले ही पाकिस्तान के दोस्त देशों ने उसे मदद का भरोसा दिलाया हो, इसके बावजूद उसे कुछ और लोन गारंटीज पूरी करनी होंगी।
करीब 10 महीने से पाकिस्तान और IMF के बीच 7 अरब डॉलर के कर्ज को लेकर बातचीत चल रही है। हालांकि, स्टाफ लेवल एग्रीमेंट अब तक नहीं हुआ है। IMF ने कुछ सख्त शर्तें रखी हैं। इनमें एक तो यही है कि पाकिस्तान को 1.2 अरब डॉलर की किश्त लेने से पहले दूसरे देशों से सरकारी खजाने में गारंटी डिपॉजिट कराना होगा।
अब तक सऊदी अरब ने 2 और UAE ने 1 अरब डॉलर देने का वादा किया है। यह साफ नहीं हो सका है कि दोनों देशों ने फंड पाकिस्तान के सरकारी खजाने में ट्रांसफर किया है या नहीं। पाकिस्तान के फाइनेंस मिनिस्टर इशहाक डार ने पिछले हफ्ते कहा था- हमने IMF को बता दिया है कि सऊदी अरब और UAE पैसा देने के तैयार हैं।
शाहबाज शरीफ चार महीने पहले सऊदी गए थे। तब क्राउन प्रिंस ने उन्हें कर्ज का भरोसा दिलाया था। हालांकि, अब तक ये पैसा पाकिस्तान के खजाने में नहीं पहुंच सका है।
पाकिस्तान सरकार इस बात से नाराज है कि दोस्त मुल्कों से फंड्स जारी करने का भरोसा मिलने के बाद भी IMF किश्त जारी करने में आनाकानी कर रहा है। अब उसने नई शर्तें थोप दी हैं। शरीफ ने कहा- हमारे आर्मी चीफ की कोशिशों के बाद हमारे दोस्त देश गारंटी डिपॉजिट देने को तैयार हो गए हैं। इसके बावजूद IMF का किश्त जारी न करना हैरान करने वाला है।
अब तक यह साफ तो नहीं हो सका है कि IMF ने नई शर्तें क्या रखी हैं, लेकिन उसके एक अफसर ने कहा- अच्छी बात है कि पाकिस्तान को उसके दोस्त मुल्क गारंटी डिपॉजिट का भरोसा दिला रहे हैं, लेकिन हमें कुछ और बातों का भी भरोसा चाहिए। ये बातें पाकिस्तान को बता दी गईं हैं UAE ने पाकिस्तान को कर्ज देने के बारे में अब तक कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं दिया है। हालांकि, पाकिस्तान सरकार के सूत्र दावा कर रहे हैं कि इस हफ्ते के आखिर में या अगले हफ्ते 1 अरब डॉलर पाकिस्तान को मिल जाएंगे। इतना ही नहीं, UAE पाकिस्तान और आईएमएफ को लिखित तौर पर गारंटी भी देगा। इस बारे में फाइनेंस सेक्रेटरी हमीद याकूब शेख ने पाकिस्तान को भरोसा दिलाया है।
इसके पहले, सऊदी अरब ने भी 2 अरब डॉलर देने का भरोसा दिलाया था। हालांकि, उसने किसी तरह की लिखित गारंटी देने से इनकार कर दिया था। पाकिस्तान सरकार यह बताने को तैयार नहीं है कि सऊदी अरब का फंड पाकिस्तान के खजाने में पहुंचा या नहीं।
पाकिस्तान की परेशानियां इसलिए भी बढ़ चुकी हैं, क्योंकि IMF ने पाकिस्तान की ग्रोथ फोरकास्ट 2% से भी घटाकर महज 0.5% कर दी है। इसके मायने ये हुए कि पाकिस्तान को दुनिया के बाकी देश या संस्थान लोन देने से पहले कई बारे सोचेंगे। दरअसल, जिस देश का ग्रोथ प्रिडक्शन कम या बेहद कम होता है तो वहां कर्ज देने से देश और संस्थान कतराते हैं
पाकिस्तान में इस वक्त जबरदस्त सियासी हलचल है। फौज और शाहबाज सरकार एक पेज पर नजर आ रहीं हैं तो दूसरी तरफ, सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह इमरान खान के साथ दिखता है। खान को एक साथ 17 केस में जमानत दे दी गई। इतना ही नहीं पंजाब प्रांत में चुनाव के लिए 14 मई की तारीख भी सुप्रीम कोर्ट ने ही तय कर दी, जबकि ये काम इलेक्शन कमीशन का था।
इलेक्शन कमीशन ने कहा- हमारे पास इलेक्शन कराने के लिए फंड्स नहीं हैं। हमें पैसा सरकार देती है। दूसरी तरफ, फौज ने कहा कि मुल्क की सरहदों पर तनाव है, लिहाजा वो अभी सिक्योरिटी मुहैया नहीं करा सकती। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट पंजाब में चुनाव कराने पर अड़ा है। इमरान खान भी इसी पर अड़े हैं। दरअसल, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि अक्टूबर में जनरल इलेक्शन होने हैं, और उसी वक्त चारों राज्यों में विधानसभा चुनाव भी करा दिए जाएंगे। इससे दो बार खर्च से बचा सकेगा, क्योंकि सरकार के खजाने में इलेक्शन कराने के लिए जरूरी 20 अरब रुपए नहीं हैं।
बहरहाल, IMF से फाइनल राउंड की बातचीत के लिए वित्त मंत्री इशहाक डार को पिछले हफ्ते वॉशिंगटन जाना था, लेकिन संसद में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ एक बिल पास होना था, लिहाजा डार ने वॉशिंगटन जाना मुनासिब नहीं समझा। इस पर IMF का रिएक्शन अभी नहीं आया है।