कांग्रेस नेतृत्व ने 28 अगस्त का वर्किंग कमेटी की मीटिंग बुलाई है, जिसमें अध्यक्ष के चुनाव की तारीख तय की जाएगी। कहा जा रहा है कि नेतृत्व ने अध्यक्ष के चुनाव को एक महीने तक टालने का विचार किया है। इसकी वजह यह है कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में उतरने को राजी नहीं हैं। इसके अलावा अशोक गहलोत भी इसे लेकर सहमत नहीं हैं, जिनके नाम की चर्चा जोरों पर चल रही है। कहा जा रहा है कि खुद सोनिया गांधी ने ही उन्हें ऑफर दिया है, लेकिन वह अध्यक्ष बनने के लिए उत्सुक नहीं हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में नए और पुराने नेता ऐसे हैं, जो कांग्रेस का अध्यक्ष गांधी परिवार के ही किसी नेता को देखना चाहते हैं।
ऐसे में किसी भी विवाद की स्थिति को कांग्रेस नेतृत्व खत्म करना चाहता है। कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि पहले ही तय कर लिया जाए कि कौन चुनाव में उतरेगा और उस पर सभी की सहमति बन जाए। उसके बाद ही चुनाव का शेड्यूल जारी किया जाए। फिलहाल कांग्रेस का फोकस इस बात पर है कि सितंबर में भारत जोड़ो यात्रा के पहले चरण की शुरुआत मजबूती से हो जाए। इस यात्रा का नेतृत्व राहुल गांधी कर रहे हैं। चर्चाएं यहां तक हैं कि इस यात्रा के सफल होने के बाद गांधी परिवार से ही किसी नेता को अध्यक्ष पद के लिए राजी किया जा सकता है। सबसे ज्यादा जोर राहुल गांधी को लेकर ही है।
फिलहाल कांग्रेस ने जो शेड्यूल तय किया है, उसके मुताबिक 21 सितंबर तक नए अध्यक्ष का चुनाव हो जाना चाहिए। लेकिन मौजूदा स्थितियों में यह टलता दिख रहा है। अब चर्चा है कि अध्यक्ष का चुनाव अक्टूबर के अंत तक यानी दिवाली के बाद हो सकता है। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि इस मामले में आखिरी फैसला तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी को ही लेना है। अध्यक्ष पद का चुनाव टालने की एक वजह यह भी है कि 10 से 25 सितंबर के दौरान पितृ पक्ष लग रहा है। ऐसे में कांग्रेस इससे बचना चाहती है और अध्यक्ष पद के चुनाव की तारीखों को ही टालने पर विचार कर रही है।