बिहार में हर दिन रैलियां तो मध्य प्रदेश में रोक क्यों, CM शिवराज का सवाल; जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

मध्य प्रदेश में राजनीतिक रैलियों के आयोजन पर रोक को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को ऐतराज जताया और बिहार का जिक्र करते हुए कहा कि एक देश में ऐसा भेदभाव क्यों। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी तक दे डाली है। उन्होंने कहा, ‘राज्य में राजनीतिक रैलियों पर रोक लगाने वाले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच के आदेश के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। बिहार में हर दिन राजनीतिक रैलियां हो रहीं हैं, एक देश में इस तरह अलग-अलग कानून नहीं हो सकता है।’

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया,’आज उनकी दो सभाएं शाडोरा और बराच में थीं जो हाई कोर्ट के आदेश के बाद रद कर दिया गया इसलिए मैं सभी नागरिकों से माफी मांगता हूं।’ मुख्यमंत्री के अनुसार हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया है उसके तहत रैलियां या चुनावी सभाएं आयोजित नहीं होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन ये गलत है। एक प्रदेश में एक जगह सभा हो सकती है एक जगह नहीं। बिहार में भी हर दिन राजनीतिक महामारी कोविड-19 के मद्देनजर शुरुआत से ही हाई कोर्ट राज्य में राजनीतिक रैलियों को लेकर सतर्क है। एक याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिया था कि यदि अधिक भीड़ वाली सभा या रैली का आयोजन होता है तब उक्त प्रत्याशी और पार्टी के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया जाएगा। बता दें कि इस चपेट में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पूर्व सीएम कमलनाथ आ चुके हैं इनके खिलाफ FIR भी दर्ज की जा चुकी है।
उल्लेखनीय है कि राज्य की 230 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 107 सीट हैं और 4 स्वतंत्र सीटों का समर्थन है। इसके अलावा दो बहुजन समाज पार्टी (BSP) के विधायक हैं और एक समाजवादी पार्टी के निलंबित विधायक। अकेले राज्य सरकार बनाने की चाहत रखने वाली BJP को 28 में से 9 सीटों पर जीत हासिल करनी होगी।

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आदर्श कुमार

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