जोरदार ताली के साथ ‘चक दे फट्टे’, ‘गुरू’ जैसे शब्दों के साथ द कपिल शर्मा शो में लोगों को अपनी बातों से गुदगुदाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर से कपिल के साथ नजर आने वाले हैं. लेकिन, इस बार वो शो में जज नहीं बल्कि मेहमान बने नजर आने वाले हैं. साल 2019 में उन्होंने अचानक से शो छोड़ दिया था? लेकिन ऐसा क्यों? इसके पीछे की वजह का खुलासा आज तक नहीं हुआ. लेकिन अब करीब 5 साल गुजर जाने के बाद उन्होंने इसके पीछे की वजह की खुलासा किया हैं. नेटफ्लिक्स पर कॉमेडियन के नए शो, द ग्रेट इंडियन कपिल शो में लौट रहे हैं. जहां उन्होंने इस मामले पर बात की. नवजोत सिंह सिद्धू ने कपिल शर्मा शो छोड़ने का कारण कुछ राजनीतिक वजह बताई हालांकि उन्होंने इस मामले पर कुछ भी डिटेल में बताने से इनकार कर दिया. ‘द ग्रेन टॉक शो’ में नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, ‘इसके पीछे कुछ राजनीतिक कारण थे. कुछ निजी वजहें भी थीं.’
कपिल से है खास लगाव
बातचीत में उन्होंने आगे कपिल शर्मा के साथ काम करने की अपनी यादें साझा कीं और कॉमेडियन के साथ अपने लंबे समय के जुड़ाव पर चर्चा की. सिद्धू ने बताया कि वह शुरू से ही कपिल के शो के कई सीजन से जुड़े रहे हैं, जब कपिल को पहली बार ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ पर पहचान मिली थी.
ये शो भगवान का बनाया हुआ एक गुलदस्ता
अपने अनुभवों पर विचार करते हुए, उन्होंने ‘द कपिल शर्मा शो’ को ‘भगवान द्वारा बनाया गया एक गुलदस्ता’ के रूप में वर्णित किया, जहां हर सदस्य का एक अहम योगदान रहा है. उन्होंने याद किया कैसे बिग बॉस में शामिल होने के बाद कपिल ने उनसे शो में शामिल होने के लिए संपर्क किया.
वजह के साथ की ये गुजारिश
जब उनसे सीधे तौर पर उनके शो से जाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने खुलासा किया कि उनके हटने के फैसले में राजनीतिक कारणों ने अहम भूमिका निभाई, हालांकि उन्होंने इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया. उन्होंने कहा, ‘ऐसे राजनीतिक कारण थे, जिनके बारे में मैं बात नहीं करना चाहता और भी कारण थे… और गुलदस्ता बिखर गया. मेरी एक ख्वाहिश है कि वह गुलदस्ता फिर से उसी तरह इकट्ठा हो जाए, जैसा वह था. मैं मदद करने वाला पहला व्यक्ति बनूंगा. उनका शो अभी भी काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘कपिल जीनियस हैं.’
क्या थी पुलवामा आतंकी हमले पर सिद्धू की टिप्पणी
आपको बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले पर सिद्धू की विवादास्पद टिप्पणी के बाद, सार्वजनिक रूप से तीखी प्रतिक्रिया हुई, जिसके कारण चैनल ने उनकी जगह अर्चना पूरन सिंह को ले लिया. 2019 में, पुलवामा हमलों के तुरंत बाद, सिद्धू ने कहा था, ‘आतंकवादियों के कायरतापूर्ण कृत्यों के लिए राष्ट्रों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. आतंकवादियों के पास कोई दीन, मजहब (संप्रदाय और धर्म) नहीं है.’ अच्छे, बुरे और कुरूप होते हैं. हर संस्था के पास ये हैं. प्रत्येक राष्ट्र के पास ये हैं. कुरूपों को दंडित करने की जरूरत है, लेकिन इस कायरतापूर्ण कृत्य के लिए व्यक्तियों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता.’