2 रूसी विमानों को ब्रिटेन की रॉयल एयरफोर्स ने स्वीडन में घुसने से क्यों रोका

ब्रिटेन की रॉयल एयरफोर्स ने 2 रूसी विमानों को स्वीडन में घुसने से रोक दिया। उसने 24 घंटे में 2 बार अपने एयरक्राफ्ट भेजकर रूस के लड़ाकू विमानों को NATO के एयरस्पेस के पास इंटरसेप्ट किया।

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि रूस के फाइटर जेट्स NATO और स्वीडन के एयरस्पेस के पास उड़ान भर रहे थे। इसमें दुश्मन पर नजर रखने वाले IL-20 एयरक्राफ्ट और सुखोई-27 फाइटर जेट शामिल थे।

रॉयल एयरफोर्स (RAF) ने कहा- रूस के विमान अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। इसलिए हमें उनको इंटरसेप्ट करना पड़ा। वो इलाके के फ्लाइट इन्फॉर्मेशन डिपार्टमेंट से भी बातचीत नहीं कर रहे थे। हमें पहले जासूसी वाले विमान और सुखोई के NATO एयरस्पेस के पास होने की सूचना मिली। तब हमने अपने टायफून लड़ाकू विमान को इन्हें रोकने भेजा।
RAF ने बताया कि इसके थोड़ी देर बाद रूस के Tu-22M बॉम्बर और सुखोई-30 लड़ाकू विमान गल्फ ऑफ फिनलैंड और बाल्टिक सागर के ऊपर नजर आए। इसके बाद उन्होंने दोबारा अपने जेट्स को उन्हें रोकने भेजा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस के विमानों को रोकने के लिए फिनलैंड, स्वीडन, पुर्तगाल और रोमानिया ने भी अपने एयरक्राफ्ट भेजे थे।

मार्च में ब्रिटेन-जर्मनी ने रूसी लड़ाकू विमान को इंटरसेप्ट किया था
इससे पहले 3 मई को ब्रिटेन ने रूस के Tu-142 पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट को स्कॉटलैंड के एयरस्पेस से बाहर निकाला था। इसके लिए नॉर्वे ने भी अपना F-35A फाइटर जेट भेजा था। वहीं, मार्च में भी ब्रिटेन और जर्मनी ने मिलकर रूस के Il-78 लड़ाकू विमान को एस्टोनिया के ऊपर NATO एयरस्पेस से बाहर खदेड़ा था।

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक बाल्टिक सागर में एस्टोनियाई एयर ट्रैफिक कंट्रोल के साथ संवाद करने में विफल होने के बाद ब्रिटेन की रॉयल एयरफोर्स और जर्मन टायफून जेट ने रूसी विमानों को इंटरसेप्ट किया था।

ससे 2 दिन पहले ही यूक्रेन बॉर्डर के करीब रूस के सुखोई फाइटर जेट ने अमेरिका के एडवांस्ड रीपर ड्रोन पर हमला किया था। रूस के दो Su-27 ने इस रीपर को घेरकर उस पर फ्यूल गिराया था। ये फ्यूल रीपर के प्रोपेलर में पहुंचा और ड्रोन कुछ देर बाद ब्लैक सी में क्रैश हो गया था। पेंटागन के मुताबिक, उनका MQ-9 रीपर ड्रोन ब्लैक सी के ऊपर सर्विलांस कर रहा था। वो इंटरनेशनल एयरस्पेस में उड़ान भर रहा था। इसके बाद दोनों देश ड्रोन का मलबा ढूंढने में जुट गए थे।

S एयरफोर्स के जनरल जेम्स हैकर ने कहा था- रूस की एयरफोर्स का रवैया बेहद गैरजिम्मेदाराना और भड़काऊ है। इसे प्रोफेशनल वर्कआउट भी नहीं कहा जा सकता। उनके दोनों एयरक्राफ्ट भी क्रैश हो सकते थे। वो पहले भी इस तरह की हरकतें करते रहे हैं।