कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर सवाल उठाने वालों में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा की असली परीक्षा जमीनी प्रभाव के जरिए होगी।
साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों की एकता पर भी संदेह जारी किया है और कहा है कि ‘वैचारिक गठबंधन’ नहीं होने तक भारतीय जनता पार्टी को नहीं हराया जा सकता।
किशोर ने सोमवार को कहा कि अस्थिर और विचारधारा के स्तर पर अलग-अलग बंटे होने के कारण विपक्षी एकता 2024 में काम नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता केवल दिखावा है और पार्टियों और नेताओं को केवल एकसाथ लाने से ही यह साकार नहीं होगी।
एक चैनल से खास बातचीत में उन्होंने कहा, ‘अगर आप भाजपा को चुनौती देना चाहती है, तो आपको उसकी ताकत (हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और कल्याणवाद) समझनी होगी। यह तीन स्तरीय है। अगर आप इनमें से कम से कम दो भी भेदने में सफल नहीं होते हैं, तो आप भाजपा को चुनौती नहीं दे सकते।’ उन्होंने कहा, ‘हिंदुत्व की विचारधारा से लड़ने के लिए विचारधाराओं का गठबंधन होना चाहिए। गांधीवादी, आंबेडकरवादी, समाजवादी, वामपंथी… विचारधारा बेहद जरूरी है, लेकिन आप विचारधारा के आधार पर अंधा भरोसा नहीं रख सकते।’ उन्होंने कहा, ‘… जब तक वैचारिक समानता नहीं आएगी। तब तक भाजपा को हराया ही नहीं जा सकता।’