टिकट बंटवारे को लेकर सपा और कांग्रेस के बीच शुरू तल्खी अब नरम होती नजर आ रही है। दोनों पार्टियों के बीच अब सुलह के आसार भी बनते दिख रहे हैं। अखिलेश यादव ने इसको लेकर एक बयान भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के बड़े नेता का एक संदेश आया है। दोनों पार्टियों के बीच जो नाराजगी है उसे बैठकर सुलझाया जाएगा। उन्होंने कहा, हम भाजपा को हराना चाहते हैं। हमें कांग्रेस की बात माननी ही पड़ेगी। माना जा रहा है कि राहुल गांधी अखिलेश यादव मुलाकात कर बिगड़ी बात को संभालने का काम करेंगे अखिलेश यादव ने भी अपने तेवर नर्म कर लिए और कहा कि गठबंधन में कोई गांठ नहीं है। अगर कांग्रेस को जरूरत होगी तो हम जरूर गठबंधन करेंगे। हम मना नहीं करेंगे।
अखिलेश यादव ने शनिवार को हरदोई पत्रकारों में कहा कि पहले भी सपा ने भाजपा को हराने के लिए पहले भी कांग्रेस का साथ दिया है। अगर किसी प्वाइंट पर लगे कि सपा की जरूरत है तो हम साथ देंगे। बस कांग्रेस को अपना वायदा याद रखना चाहिए। सपा अध्यक्ष ने अपनी पार्टी के नेता आईपी सिंह को निर्देश देकर सोशल मीडिया से अपनी राहुल गांधी पर की गए विवादित पोस्ट हटाने को कहा। माना जा रहा है कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से सपा नेता संपर्क में हैं।
उन्हें किसी के पिता तक नहीं जाना चाहिए था :अखिलेश
इससे पहले समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का नाम लिए बिना कहा, कहा कि उन्हें किसी के पिता तक नहीं जाना चाहिए था। वहीं, सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ व अजय राय को छुटभैया नेता बताया। अखिलेश यादव ने शनिवार को हरदोई में कहा कि मैंने उन्हें संस्कारों की याद दिलाई थी कि किसी के पिता तक नहीं जाना चाहिए। कुछ लोग बुजुर्ग होते हैं, उनके संस्कार गलत होते हैं। कभी किसी के पिता और मां- बहन के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। असल में अजय राय ने कहा कि अखिलेश ने पिता का सम्मान तक नहीं किया।
छुटभैय नेताओं पर कोई कमेंट नहीं करूंगा: रामगोपाल यादव
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ द्वारा सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर की गई अभद्र टिप्पणी का जवाब रामगोपाल यादव ने दिया है। उन्होंने कमलनाथ को छुटभैये नेता बताया। अखिलेश यादव इससे पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को चिरकुट नेता बता चुके हैं। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने शनिवार को पत्रकारों के सवालों पर यह बातें कहीं। राम गोपाल से पूछा गया कि कांग्रेस के नेता, सपा के लिए अनर्गल बातें बोल रहे हैं, कमलनाथ ने भी अखिलेश यादव के बारे में कहा है। इस पर राम गोपाल ने कहा, रहने दो यार, हमें इस पर कुछ नहीं कहना है। छुटभैये नेता है ये। इसके अलावा में कोई कमेंट नहीं करूंगा, अखिलेश पहले ही इस पर कमेंट कर चुके हैं, में रिपीट नहीं करूंगा।’
क्या है सपा-कांग्रेस के बीच की नाराजगी
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं। सपा का कहना था कि कांग्रेस ने उन्हें छह सीटें दी थीं, जबकि बात कुछ और हुई थी। इसके बाद अखिलेश की नाराजगी साफ नजर आई। सीतापुर पहुंचने के बाद अखिलेश ने कहा था, रात एक बजे तक कमलनाथ और दिग्वजय सिंह ने सपा कार्यकर्ताओं के साथ सीट को लेकर मीटिंग की थी, लेकिन नतीजा कोई नहीं निकला। अखिलेश बोले कि अगर उन्हें पता होता कांग्रेस इस तरह का व्यवहार करेगी तो वह अपने नेताओं को भेजते ही नहीं और न ही उनका फोन उठाते।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को अखिलेश ने बताया था चिरकुट नेता
अखिलेश यादव से जब अजय राय के बयान को लेकर सवाल किया गया तो सपा प्रमुख ने उन्हें चिरकुट नेता बता दिया था। अखिलेश ने इसके अलावा कांग्रेस को भी हिदायत दी थी कि ऐसे नेताओं से सपा और कांग्रेस के लिए किसी भी तरह की बयानबाजी न करवाएं।
पहले ही नरम पड़ गए थे अखिलेश
दो दिवसीय सपा के कार्यक्रम में हरदोई पहुंचे सपा प्रमुख के तेवर कांग्रेस के प्रति शनिवार को ही नजर आ गए थे। हरदोई में अखिलेश ने कहा था, गठबंधन में कोई गांठ या तल्खी नहीं है। कांग्रेस के पास बड़े नेता के जरिए संदेश पहुंचाया है। यदि वह बुलाएंगे और कहेंगे कि जरूरत है तो सपा गठबंधन के लिए मना नहीं करेगी। पुरानी परंपरा पर जाकर गठबंधन किया जाएगा। अखिलेश ने कहा कि पहले भी सपा ने भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भाजपा को हराने के लिए हमसे गठबंधन नहीं करना चाहती है तो साफ बता दे।