कौन थे मजहर खान? जिसकी सारी फिल्में फ्लॉप रहीं,

1980 में आई अमिताभ बच्चन-शशि कपूर की फिल्म शान तो आपको याद होगी ही। उसका एक गाना था ‘नाम अब्दुल है मेरा, सबकी खबर रखता हूं’। ये अब्दुल बने थे एक्टर मजहर खान। इन्हीं मजहर खान की आज 25वीं पुण्यतिथि है।
मजहर वो एक्टर रहे हैं जिन्होंने कभी कोई हिट फिल्म नहीं दी। निजी जिंदगी भी नाकामियों से भरी रही। 3 शादी कीं, लेकिन एक भी नहीं चलीं। फिल्म एक्ट्रेस जीनत अमान से इन्होंने तीसरी शादी की थी। ये रिश्ता भी सिर्फ विवादों के कारण सुर्खियों में रहा। जीनत उस समय टॉप एक्ट्रेस थीं और मजहर एक फ्लॉप हीरो, जिन्हें छोटे-मोटे रोल ही ऑफर होते थे। नतीजा ये हुआ कि मजहर ने जीनत को भी फिल्मों से दूर कर परिवार में सीमित कर दिया। जीनत 12 साल तक रिश्ते संभालने की कोशिश करती रहीं लेकिन आखिर वो भी हार गईं।
अपनी नाकामियों के डिप्रेशन में मजहर ड्रग एडिक्ट हो गए। दोनों किडनी खराब हो गईं और बचाने की कोशिशें भी नाकाम ही रहीं। मौत के दिन भी विवाद ही हुए। पति के आखिरी दर्शन करने गईं जीनत को मजहर की लाश तक भी जाने नहीं दिया गया।
25 साल पहले एक्टर मजहर खान का इंतकाल हो गया। ये बात कड़वी है लेकिन सच है कि इस क्षति पर फिल्म इंडस्ट्री के नामचीन लोगों ने दुख नहीं जताया। दरअसल, मजहर खान ऐसे एक्टर रहे जो अपनी काबिलयत नहीं बल्कि विवादों की वजह से सुर्खियों में रहे। बतौर लीड एक्टर उनकी कोई भी फिल्म हिट नहीं रही। साइन की पहली फिल्म शान भी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई। फिर भी उनके पास फिल्मों के ऑफर रहते ही थे।
इस बात को समझने के लिए कहानी में थोड़ा पीछा चलते हैं। 80 के दशक में इंडस्ट्री में ये बात हर किसी की जुबान पर रहती थी कि फ्लॉप फिल्में देने के बाद भी डायरेक्टर्स मजहर को अपनी फिल्मों में क्यों कास्ट करते। कई लोगों ने ये तर्क दिया कि वो दिलीप कुमार के रिश्तेदार हैं, इसलिए फिल्मों में उनको काम मिलता रहता है।
फिल्मों में आने के बाद मजहर ने दिलीप कुमार की भतीजी रुबैना मुमताज खान से शादी कर ली थी। उनकी शादीशुदा जिंदगी सिर्फ शुरुआत में ही अच्छी रही। रुबैना ने एक बेटे को जन्म भी दिया। मगर कुछ समय बाद दोनों में अनबन शुरू हो गई। मजहर का व्यवहार अच्छा नहीं रहा। नतीजतन, रुबैना तलाक लेकर उनसे अलग हो गईं।
बहुत कम लोगों को पता है कि रुबैना उनकी पहली नहीं बल्कि दूसरी पत्नी थीं। इससे पहले मजहर ने मॉडल नंदिनी सेन से शादी की थी। हालांकि, कुछ समय बाद ही दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद नंदिनी ने गौतम बेरी से शादी कर ली। बता दें, गौतम बेरी किरण खेर के पहले पति और सिकंदर खेर के पिता हैं।
भले ही मजहर को फिल्मों में काम मिल जाता था, लेकिन फ्लॉप फिल्मों के कारण अंदर से वो भी बेजार रहते थे। पत्नी से तलाक लेने के बाद उनके पास कोई ऐसा शख्स नहीं था जिससे वो अपनी भावनाओं को साझा कर सकें।
इसी दौरान उनकी मुलाकात एक्ट्रेस जीनत अमान से हुई। जीनत अमान का दिल भी टूटा हुआ था। दरअसल, जीनत अमान की पहली शादी संजय खान से हुई थी। दोनों ने गुपचुप शादी की थी। कुछ समय बाद संजय खान इस शादी से मुकर गए इसलिए दोनों की शादी को गैरकानूनी करार किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय खान ने एक पार्टी में जीनत अमान को बुरी तरह मारा था, जिसके चोट के निशान आज भी उनकी आंख पर हैं।
नाकाम शादियों के गम में डूबे मजहर और जीनत अमान को एक-दूजे में हमदर्द मिल गया। दोनों साथ में वक्त बिताने लगे। बीतते समय के साथ उन्होंने शादी का फैसला किया। जीनत अमान की मां इस शादी के खिलाफ थीं। इसके बावजूद जीनत अपने फैसले पर अड़ी रहीं और मजहर से शादी कर ली।
उस वक्त जीनत अमान करियर के पीक पर थीं, वहीं मजहर फिल्मों में छोटे-मोटे रोल ही मिल रहे थे। जीनत अमान का कहना था, शादी करने का फैसला उन्होंने सिर्फ मां बनने के लिए लिया था। मजहर में जीनत को एक अच्छा जीवनसाथी दिखा, उनके साथ एक सुखी परिवार का सपना देख उन्होंने शादी कर ली।
शादी के शुरुआती साल बहुत अच्छे बीते। जीनत ने 2 बेटों को जन्म भी दिया। वक्त के साथ मजहर को पत्नी की कामयाबी खटकने लगी। उन्हें लगा था कि इतनी बड़ी एक्ट्रेस से शादी करने से बाद उनके करियर में अच्छा बदलाव आएगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। ये नाकामयाबी उनकी आदतों में भी झलकनी लगी। दिन-ब-दिन वो चिड़चिड़े होते गए। उन्होंने जीनत से कहा कि वो फिल्मों में काम करना छोड़ बच्चों और परिवार पर ध्यान दें।
जीनत ने उनके इस फैसले सहमति जताई। बिना कोई सवाल किए उन्होंने फिल्मों में काम करना छोड़ दिया। हालात इसके बाद भी नहीं सुधरे बल्कि बदतर हो गए। मजहर को ड्रग्स की लत लग गई। जीनत को समझ आ गया था कि उन्होंने मजहर से शादी करके गलती कर दी है। एक दलदल से निकलकर उन्होंने दूसरे दलदल में कदम रख दिया है। मगर वो फिर भी नाउम्मीद नहीं थीं। हर मुमकिन कोशिश करती रहीं कि उनका रिश्ता बेहतर हो जाए। इन कोशिशों में 12 साल बीत गए। आखिरकार, जीनत ने मजहर से अलग होने का फैसला किया।
तलाक से जुड़े कानूनी काम जारी थे लेकिन जीनत अलग रहने लगीं। इधर, मजहर की हालत और खराब होने लगी। ड्रग्स की लत से उनकी किडनी खराब हो गई, जो उनकी मौत का कारण बनी। 16 सितंबर 1998 को मजहर खान का निधन हो गया।
मजहर खान के अंतिम संस्कार में कई लोग शामिल हुए। जीनत भी उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचीं, मगर ससुराल वालों ने उन्हें मजहर की लाश तक नहीं देखने दी। इस दिन के बारे में जीनत ने सिमी ग्रेवाल को दिए इंटरव्यू में बताया था, ‘मैं इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी। मैंने बहुत कोशिश की, वो जिंदा रहें। मुझे विश्वास भी था कि उनकी किडनी ठीक हो जाएगी।
1993 से 1997 का समय मेरे लिए किसी जंग से कम नहीं था। मैं इन सालों में मजहर के साथ हॉस्पिटल में रही। इंजेक्शन लगाने से ड्रेसिंग करने तक, मैंने सब सीखा। एक अकेली महिला जितना कर सकती थी, मैंने उतना सब किया। इसके साथ ही मैंने अपने बच्चों को भी संभाला। मैं मजहर का ख्याल रखने के लिए मौजूद थी लेकिन मेरी देखभाल के लिए कोई नहीं था। मुझे पूरा यकीन था कि जिस हालात में मैं रही, उस सिचुएशन में कोई भी बहुत लंबे समय तक नहीं रह सकता था।

जब इंडिया के डाॅक्टर्स ने जवाब दे दिया था, तब मैं मजहर को विदेश लेकर गई। वहां पर इलाज के बाद उनकी हालात में कुछ सुधार आया और वो 1997 में वापस भारत आ गए। इतने समय मैंने दिन और रात की परवाह किए बिना उनकी सेवा की।
ये सारी चीजें तो बुरी थी हीं, सबसे ज्यादा बुरा ये था कि मुझे उनके जनाजे में शामिल नहीं होने दिया गया। जब मैं उनके अंतिम दर्शन के लिए गई तो उनकी मां और बहन ने धक्के देकर वहां से निकल जाने के लिए कहा था। ये सारी चीजें किसी बुरी फिल्म की तरह ही थीं।
मैं क्यों ना उन्हें देखने जाती। मैंने जिंदगी के इतने साल उन्हें दिए थे। वो मेरे बच्चों के पिता थे। इसके बावजूद मुझसे कहा गया- तुम नहीं आ सकतीं, मजहर को अंतिम विदाई नहीं दे सकतीं। उन लोगों के मन में मेरे लिए काफी गुस्सा और कड़वाहट थी।’
मजहर खान का जन्म 22 जुलाई 1955 को दिल्ली के एक मुसलमान परिवार में हुआ था। यहां की गलियों में बड़े हुए मजहर कम उम्र से ही फिल्मी दुनिया के सपने देखने लगे थे। इसी सपने को पूरा करने के लिए वो ग्रेजुएशन के बाद थिएटर से जुड़ गए और प्ले करने लगे।
मजहर थिएटर के रास्ते इंडस्ट्री तक पहुंचना चाहते थे। उनका ये फैसला सही भी रहा। एक दिन वो प्ले कर रहे थे, तभी एक्ट्रेस डेजी ईरानी की बहन हनी ईरानी की नजर उन पर पड़ी। उनके लुक्स और डांस मूव्स से हनी काफी इंप्रेस हुईं। फिर उन्होंने मजहर से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान हनी को पता चला कि मजहर फिल्मों में आना चाहते हैं। हनी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वो डायरेक्टर्स से उनके लिए जरूर बात करेंगी। इसी उम्मीद से मजहर ने उन्हें अपनी कुछ अच्छी तस्वीरें दे दीं। उन तस्वीरों को लिए हनी मुंबई वापस आ गईं।
बता दें, हनी ईरानी फेमस राइटर जावेद अख्तर की पहली पत्नी हैं। वो फरहान और जोया अख्तर की मां भी हैं। हनी सीता-गीता, कटी पतंग और अमर प्रेम जैसी फिल्मों में काम चुकी हैं। 2003 में रिलीज हुई फिल्म अरमान को उन्होंने डायरेक्ट भी किया है।
मुंबई वापस लौटने के बाद हनी ने मजहर की फोटोग्राफ्स जावेद अख्तर को दिखाई। मजहर के लुक्स से वो भी इंप्रेस हुए। वो ये तस्वीर लेकर डायरेक्टर रमेश सिप्पी के पास चले गए। इन दिनों फिल्म शोले की सफलता के बाद डायरेक्टर रमेश सिप्पी फिल्म शान की कास्टिंग में बिजी थे। शान की कहानी सलीम-जावेद की जोड़ी ने ही लिखी थी।
रमेश सिप्पी मजहर को फिल्म में कास्ट करने के लिए राजी हो गए। मगर एक समस्या थी। कहानी के हिसाब से स्टार्स की पूरी कास्टिंग हो गई थी। तब जावेद साहब ने डायरेक्टर से कहा कि वो और सलीम खान मजहर के लिए स्क्रिप्ट में सीन जोड़ देंगे। डायरेक्टर ने भी इस बात पर सहमति जताई, जिसके बाद दोनों ने मजहर के लिए अब्दुल नाम का किरदार फिल्म में जोड़ दिया। इस तरह मजहर ने अपने करियर की पहली फिल्म साइन की।
फिल्म शान की शूटिंग में अधिक वक्त लग रहा था। ऐसे में मजहर ने दूसरी फिल्म संपर्क भी साइन कर ली। ये फिल्म शान से पहले रिलीज हुई थी। इसमें उन्होंने वृंदावन बिहारी लाल का रोल प्ले किया था।
फिल्म शान में अब्दुल का रोल पहले संजीव कुमार को ऑफर हुआ था। पहले तो संजीव इस रोल के लिए राजी हो गए थे, लेकिन बाद में उन्होंने मना कर दिया। संजीव को लगा कि शोले के बाद दर्शकों को उनसे बहुत उम्मीद हो गई हैं। इस खातिर उन्हें अच्छा रोल करना चाहिए। उन्होंने शान में काम करने से इसलिए मना किया, क्योंकि अब्दुल का स्क्रीन टाइम सिर्फ इंटरवल के पहले ही था। वो ऐसा रोल करना चाहते थे, जो लंबे समय तक पर्दे पर दिखें।
1981 में फिल्म रुही रिलीज हुई थी। इसमें मजहर के किरदार का नाम विजय था। उनके साथ जरीना वहाब भी थीं। इस फिल्म को मेकर्स हिट कराना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने तकरीब निकाली। ये खबर फैलाई गई कि जरीना और मजहर रिलेशनशिप में हैं। उनका मानना था कि इस खबर से उनकी फिल्म हिट हो जाएगी। हालांकि, ये स्कीम फिल्म की तरह ही फ्लॉप हो गई। फिल्म ने कोई खास कमाई नहीं की।
जब बतौर एक्टर करियर नहीं चला तो मजहर ने प्रोडक्शन में हाथ आजमाया। उन्होंने फिल्म बॉम्बे फैंटेसी बनाई। इस फिल्म को भारत की पहली इरोटिक फिल्म (पोर्नोग्राफिक फिल्म) का दर्जा दिया गया। अश्लील सींस के कारण सेंसर बोर्ड ने इसे रिलीज नहीं होने दिया।
मेकर्स को तमाम कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। फिल्म के डायरेक्टर पंकज धीर ने इसके लिए बहुत कानूनी लड़ाई लड़ी। बड़ी मशक्कत के बाद, पंकज धीर ने कानूनी लड़ाई जीत इसे रिलीज किया। हालांकि, ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कोई नया कीर्तिमान स्थापित नहीं कर पाई।
मजहर खान ने 13 साल के एक्टिंग करियर में 30 फिल्मों और टेलीविजन शोज में काम किया था। 2001 में रिलीज हुई फिल्म गैंग उनकी पहली डायरेक्टोरियल फिल्म थी। ये फिल्म उनके मरने के बाद रिलीज हुई थी, जो बाॅक्स ऑफिस पर फ्लाॅप रही।