WHO बोला- 3 साल बाद भी सतर्क रहना जरूरी, चीन के अस्पतालों में 90% मरीज घटे

चीन में कोरोना के मामलों में कमी आई है। चीनी सरकार के मुताबिक, देश में कोरोना की स्थिति ‘लो लेवल’ पर आ गई है। जनवरी में यहां अस्पतालों में मरीजों की संख्या 90% तक कम हुई है। जिन इलाकों में कोरोना का पीक आया, वहां अब केसेस हर दिन घट रहे हैं। चीन में तीन साल से चल रही जीरो-कोविड पॉलिसी के खत्म होने के बाद कोरोना ने 80% चीनियों को अपनी चपेट में लिया है।
भारत में रविवार को कोरोना के 80 नए मामले सामने आए। हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अभी 1,848 एक्टिव केस हैं। महामारी की शुरुआत से अब तक देश में 5.3 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही 4 करोड़ से ज्यादा लोग वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
हाल ही में देश में स्वदेशी फार्मा कंपनी भारत बायोटेक ने दुनिया की पहली इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन iNCOVACC लॉन्च की है। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में हेल्थ मिनिस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि यह वैक्सीन सबसे पहले प्राइवेट वैक्सीनेशन साइट्स पर दी जाएगी। अभी सरकार ने इस वैक्सीन को सरकारी साइट्स पर उपलब्ध कराने के लिए कोई गाइडलाइंस जारी नहीं की हैं।जापान सरकार ने सोमवार को कहा कि वह चीन में कोरोना के हालात लगातार मॉनिटर कर रही है। जापान का यह बयान तब सामने आ रहा है जब चीन ने जापानी यात्रियों के लिए फिर से वीजा इश्यू करना शुरू कर दिया है। बता दें कि चीन ने इस महीने की शुरुआत में जापान से आने वाले लोगों के लिए वीजा बंद कर दिए थे। इसकी वजह जापान का कोरोना के चलते सीमा पर नियंत्रण कड़ा करना था।
साउथ कोरिया के नए नियम के मुताबिक, अब देश में इंडोर प्लेसेस में मास्क पहनने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। ऐसा कोरोना के डेली केसेस में कमी आने की वजह से हुआ है। साउथ कोरिया में सोमवार को 7,416 नए केसेस सामने आए। रविवार को 18,871 और शनिवार को 23,612 नए कोरोना मामले सामने आए थे।फ्रांस में चीन से आने वाले यात्रियों के लिए 15 फरवरी तक कोरोना टेस्ट जरूरी कर दिया गया है। इससे पहले टेस्ट को 1 फरवरी से खत्म करने की बात कही गई थी। फ्रांस का कहना है कि चीन में कोरोना के हालात देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा, फ्लाइट में 6 साल की उम्र से बड़े सभी लोगों को मास्क पहनना भी जरूरी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आज के ही दिन कोविड-19 को पहली बार दुनिया के लिए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। घोषणा के तीन साल पूरे होने पर WHO ने सोंबवार को कहा कि कोरोना अब भी हम सबके लिए हाई अलर्ट है। हेल्थ एजेंसी ने बताया कि इस बीमारी ने दुनियाभर में अब तक लगभग 60 लाख 80 हजार लोगों की जान ली है। कोरोना के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए हमें अब भी सतर्क रहने की जरूरत है।
कोरोना worldometer के मुताबिक, दुनिया में अब तक 67 करोड़ 49 लाख 2 हजार 818 मामले सामने आ चुके हैं। 11 जनवरी 2020 को चीन के वुहान में 61 साल के बुजुर्ग की मौत हुई थी। ये दुनिया में कोरोना से होने वाली पहली मौत थी। इसके बाद मौत का सिलसिला बढ़ने लगा। अब तक 67 लाख 59 हजार 752 मौतें हो चुकी हैं।