मुंबई के गोरेगांव वेस्ट में एनिमल गुरुकुल है। अक्षय कुमार की फिल्म एंटरटेनमेंट का कुत्ता हो, सलमान की फिल्म प्रेम रतन धन पायो के हाथी-घोड़े या आमिर खान की ठग्स ऑफ हिंदोस्तान का गधा हो, ये सभी इसी गुरुकुल के हैं। ये गुरुकुल है जावेद खान का। जावेद फिल्मों के लिए ट्रेंड जानवर सप्लाय करते हैं। उनका परिवार ये काम 45 साल से करता आ रहा है।
जावेद के गुरुकुल में कुत्ते, बिल्ली, तोते से लेकर हाथी, घोड़े और चींटियां तक हर तरह के जानवर हैं। इन जानवरों को फिल्मों के लिए कैसे तैयार किया जाता है, कैमरे के सामने काम कैसे करते है और इनकी कमाई क्या है, ऐसेे सारे सवालों पर हमने जावेद से बात की।
जावेद खान बताते हैं, उनके पापा अयूब खान पिछले 45 सालों से ‘एनिमल गुरुकुल’ के नाम से पेट सप्लाय के बिजनेस में हैं। फिल्मों के लिए वे पेट सप्लाय करते हैं। अब हम बच्चे उनकी विरासत को आगे लेकर जा रहे हैं।
‘गुरुकुल’ का मतलब होता है एक इंस्टीटूशन जहां हम सीख पाए। पापा ने इस बिजनेस का नाम ‘एनिमल गुरुकुल’ भी इसी बात को ध्यान में रखकर शुरू किया कि यहां जानवरों को सिखाएंगे।
यहां पर हम सिर्फ अपने जानवरों को नहीं बल्कि दूसरों के जानवरों को भी ट्रेंड करते हैं। मेरे पापा अनाथ थे। उन्होंने आर.के. स्टूडियो में एक कुत्ता पालने से ये काम शुरू किया था। एक दिन वहां पर एक कुत्ते की जरुरत थी, पापा ने कहीं से एक कुत्ता लाया जिसके लिए उन्हें अच्छे पैसे मिले थे। यहीं से इस बिजनेस की शुरुआत हुई थी।
आमिर खान के साथ उनकी फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ में काम किया था। फिल्म के शेड्यूल के मुताबिक, हम एक महीने के लिए राजस्थान में एक गधे को लेकर गए थे। एक सीन में आमिर खान को गधे पर बैठकर राइड करना था। यश राज फिल्म्स ने ही इस घोड़े को सिलेक्ट किया था। पापा ने उस गधे को फिल्म के लिए ट्रेन किया था और उसे इंग्लिश कमांड भी सिखाया था। गधे का नाम नवाब था। सेट पर जब पापा गधे को इंग्लिश कमांड देते और वह जब उस पर रिएक्ट करता तो सेट पर सभी शॉक हो जाते। ये देखकर, आमिर सर भी बहुत खुश हो गए थे।
‘प्रेम रतन धन पायो’ में सलमान खान पर फिल्माए गए एक गाने के लिए फिल्ममेकर सूरज बड़जात्या को 6 हाथियों की जरुरत थी। उस वक्त सिर्फ 2 हाथियों के लीगल कागजात तैयार थे इसलिए हमने सिर्फ 2 हाथियों के साथ ही गुजरात में शूटिंग पूरी की।
अक्षय सर के साथ हमने ‘वक्त’ फिल्म में काम किया था। फिल्म की शूटिंग हमने मुंबई के फिल्मसिटी में की थी। फिल्म में एक सीन था, जहां 15-16 जर्मन शेपर्ड अक्षय कुमार के पीछे दौड़ते हैं। रियल लाइफ में अक्षय कुमार बहुत तेज भागते हैं। शूटिंग के टाइम तो कई बार ऐसा होता था कि वो आगे निकल जाते और हमारे कुत्ते पीछे रह जाते थे।
अक्षय कुमार की फिल्म ‘एंटरटेनमेंट’ में जिस कुत्ते ने ब्रूनो का रोल निभाया, आमतौर पर हम उसे ऑडिशन के लिए लेकर नहीं जाते थे क्योंकि उसकी डिमांड बहुत होती थी। कई बार इस बात का डर लगता की कहीं दूसरे प्रोजेक्ट के लिए भी उसका सिलेक्शन हो गया तो शूटिंग डेट्स क्लैश होंगे। फिल्म ‘एंटरटेनमेंट’ के कुछ पोर्शन बैंकॉक में शूट किये गए हैं जिसमे हमारा पेट नहीं था। हां, मुंबई शेड्यूल में हमने हमारा पेट भेजा था। वो बहुत ही वेल-बिहेव्ड डॉग हैं, सेट पर हर एक्टर उसे पसंद करता था।
फिल्म ‘एंटरटेनमेंट’ के उस डॉग ने दीपिका पादुकोण के साथ भी एक चाय ब्रांड के एड के लिए शूट किया है। क्रिकेटर धोनी के साथ एक पंखे की एड की। हालांकि, अब ब्रूनो हमारे बीच नहीं रहे।
हाल ही में हमने पुणे में एक वेब सीरीज के लिए शूट किया, जिसमे अभय वर्मा बतौर एक्टर नजर आएंगे, इसकी शूटिंग के दौरान एक सीन के मुताबिक रास्ते के कचरे में से एक कुत्ता कुछ खा रहा होता हैं। हमने हमारे कुत्ते को बहुत अच्छे से ट्रेन किया था। उसने वह शॉट इतना अच्छा दिया कि पैकअप के बाद सभी उसके लिए तालियां बजाने लगे।
दीपक डोबरियाल के साथ हम ‘लाल कप्तान’ की शूटिंग कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए दो कुत्तों की जरूरत थी। उस वक्त, दीपक कुत्तों से ज्यादा फ्रेंडली नहीं थे और इसीलिए हम शूट से पहले कई दिनों तक अपने कुत्तों को दीपक से मिलवाते रहे। हर दिन तकरीबन एक घंटा दोनों के बीच बॉन्डिंग करवाते रहे ताकि शूटिंग में कोई दिक्कत ना हो। ये ट्रिक काम कर गया।
महेंद्र सिंह धोनी के साथ हमने एक शूट किया था। उस दौरान, उनकी वाइफ साक्षी को हमारा डॉग इतना पसंद आया कि वो लगातार उसके साथ खेल रहीं। ये शूट आर.के. स्टूडियो में हो रहा था। शूटिंग ना रुके इसलिए हमने साक्षी को एक दूसरा जर्मन शेपर्ड दिया ताकि वो उसके साथ खेल सके और हम अपने डॉग के साथ शूट पूरा करें। धोनी और साक्षी दोनों की पेट लवर हैं, उन्हें कुत्तों के साथ खेलना बहुत पसंद हैं।
इनसाइड- वरुण धवन की फिल्म ‘भेड़िया’ में दिखाए गए कुत्ते भी हमने ही सप्लाय किये, इसी तरह ‘एंटरटेनमेंट’, ‘गोलमाल-3’, ‘बागबान’, ‘वक्त’, दीवार’, ‘दम’, ‘फुटपाथ’, ‘कोई मिल गया’ समेत 1000 से ज्यादा फिल्मों का हिस्सा रह चुके हैं जिसमे गुजराती और रीजनल फिल्में भी शामिल हैं।
फिल्ममेकर के.सी. बोकाडिया जिन्होंने ‘तेरी मेहरबानियां’ बनाई थी, वो साउथ में इसी फिल्म का सीक्वल बनाना चाहते थे जिसका नाम ‘तेरी मेहरबानियां-2’ था। हालांकि अब उसका नाम ‘रॉकी’ रखा गया। फिल्म में जर्मन शेपर्ड का डबल रोल था। इस फिल्म के लिए वो 3 साल के कुत्ते की तलाश में थे। पूरे देश में तलाश करने के बाद उन्होंने इस फिल्म के लिए हमारे डॉग को चुना। मुझे याद हैं उन्होंने कहा कि वो मेरे पिता के साथ काम करना चाहते थे।
जो भी जानवर हमारे पास हैं, उन्हें रखने के लिए सरकार से परमिशन मिला हुआ है। परमिशन मिलने के बाद ही हम उसे बाॅलीवुड में सप्लाय करते हैं।
हमारे देश में ग्रीन तोता के साथ शूटिंग करने के लिए परमिशन नहीं हैं इसलिए हम उसकी जगह अमेजन तोता का इस्तेमाल करते हैं। अमेजन तोता एक एक्सोटिक पक्षी हैं, जिसकी परमिशन हमें मिली हैं। इसी तरह, गिलहरी के साथ भी शूटिंग नहीं हो सकती, तो ऐसे में हम शुगर ग्लाइडर (गिलहरी की तरह दिखने वाला एनिमल) का इस्तेमाल करते हैं।
फिल्मों में जब भी हमें ऐसी रिक्वायरमेंट आती हैं जिसका हम इस्तेमाल हम नहीं कर सकते, तब हम उसके जैसे दिखने वाले पशु-पक्षी का इस्तेमाल करते हैं। ये प्रोसेस इतना आसान नहीं होता है। जहां से भी ये पशु आ रहे हैं, वहा से लेकर सेट तक हमें हर जगह उनके बारे में इन्फॉर्म करना होता हैं। कागजात तैयार करने होते हैं। ये परमिशन हमें फारेस्ट डिपार्टमेंट से लेनी होती हैं।
हम एनिमल्स को कैमरा के पीछे रहकर उसे सिखाते हैं। हम उन्हें ऐसे ट्रैन करते हैं कि सेट पर मौजूद हर व्यक्ति के साथ फ्रेंडली रह सके हैं, किसी को कोई तकलीफ ना पहुंचाए। हम में से एक आदमी शूटिंग के दौरान जानवरों के साथ मौजूद रहता ही है।
इस तरह के जावेद के पास 20-25 अलग अलग किस्म के कुत्ते, बिल्लियां, शुगर ग्लाइडर, घोड़े, कॉकरोच, चीटियां हैं जिन्हें शूटिंग के लिए वो सप्लाय करते हैं।
इन सभी का ध्यान रखना भी आसान काम नहीं है। पापा ने हमेशा हम सभी को सिखाया था कि घर का बचा हुआ खाना जानवरों को नहीं देना है। हम सभी सुबह उठ कर सबसे पहले उस कमरे को साफ करते हैं, जहां जानवर रहते हैं। फिर 11 से 12 बजे के बीच में उन्हें खाना दिया जाता है। जो जानवर छोटा होता है, उसे छोटे बर्तन में खाना दिया जाता है।
एनिमल की फीस की बात करें तो जितना ज्यादा ट्रैन किया हुआ एनिमल, उतनी ज्यादा उसकी फीस। पशु-पक्षी को ट्रेन करना आसान नहीं, कभी एक दिन में वे सीख जाते हैं तो कभी साल भर तक नहीं सीख पाते। ऐसे में हम ज्यादातर ट्रिक्स से काम करवाते हैं।
आम तौर पर एक दिन के लिए कुत्तों के साथ शूट करने के लिए हम 7000 रुपए से लेकर 12000 रुपए तक चार्ज करते हैं। वहीं बिल्लियों की फीस 4000 से लेकर 6000 रुपए तक होती हैं। ये सभी जानवर परिवार की तरह हैं। लॉकडाउन में हमारे पास बिलकुल काम नहीं था, कई चुनौतियों का सामना करना भी पड़ा था।
जल्द ही हम अपने अमेजन तोता के साथ एक ज्योतिषी वाला एड शूट करने वाले हैं। इसकी ट्इसकी ट्रेनिंग हमने शुरू कर दी हैं – जैसे कि इसे खेलने के लिए टैरो कार्ड्स दिए हैं। हम इसे सीखा रहे हैं कि कैसे मुंह से कार्ड उठाना हैं।
शाहरुख खान की जवान में भी हमारे की पेट्स नजर आएंगे। हाल ही में हमने देहरादून में फिल्म ‘इश्क विश्क रिबाउंड’ की शूटिंग की।