लखनऊ में केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के बेटे विकास किशोर की लाइसेंसी पिस्टल अंकित को किसने दी, इसकी पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। हत्या में प्रयुक्त पिस्टल पर हत्यारोपी अंकित वर्मा की उंगलियों के अलावा एक और व्यक्ति के निशान मिले हैं। वह किसके हैं, इसका पता लगाया जा रहा है।
केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर के घर हुई विनय की हत्या के वक्त अंकित वर्मा के हाथ में पिस्टल थी यह फारेंसिक जांच में साफ हो गया है, लेकिन पिस्टल और किसके हाथ में आई यह अभी तक पता नहीं चल सका है।इससे माना जा रहा है कि पिस्टल पर अजय रावत के उंगलियों के निशान है। जैसा कि सीसीटीवी फुटेज में अजय बिस्तर से उठते वक्त तकिया के नीचे से पिस्टल निकालते जैसा दिख रहा है।
सूत्रों के मुताबिक फोरेंसिक विशेषज्ञों ने पुलिस अधिकारियों से पिस्टल पर मिले फिंगर प्रिंट के विषय में जानकारी बुधवार को साझा की। वहीं पुलिस का कहना है कि फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर कुछ तथ्यों की पड़ताल की जा रही है। आधिकारिक रिपोर्ट आने पर बताया जाएगा।
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने विनय श्रीवास्तव हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। प्रेसवार्ता कर संगठन ने पुलिस के खुलासे पर असंतुष्टि जाहिर की।
संगठन के अध्यक्ष इंद्रसेन श्रीवास्तव ने कहा कि कायस्थ समाज पीड़ित परिवार के साथ है। संगठन सरकार से परिवार को एक करोड़ का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग करता है। इस दौरान मौजूद भाई विकास ने कहा कि भाई की हत्या से पूरा परिवार सदमे में है। वह बस हत्या के सही कारणों को जानना चाहते हैं। उनको पुलिस पर भरोसा अब वह निष्पक्ष जांच करेगी। हालांकि वह चाहते हैं कि प्रकरण की जांच सीबीआई करे।
विनय श्रीवास्तव की हत्या के बाद से ही उसके घर वाले हत्या के खुलासे पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने राजनैतिक दबाव के चलते हत्या का जल्दबाजी में खुलासा कर दिया।
एक सितम्बर की रात में ही जेसीपी क्राइम आकाश कुलहरि ने दावा किया था कि विनय को गोली अंकित वर्मा ने मारी थी। उसके साथ मारपीट के समय अजय रावत और शमीम भी थे। जिन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।